विद्या, बौद्धिकता, लेखन शक्ति, पत्रकारिता, साहित्य, चतुराई, ज्ञान, अध्ययन-अध्यापन आदि के कारक ग्रह बुध का गोचरीय परिवर्तन मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि 16 दिसम्बर 2020 दिन बुधवार की रात में 3 बजकर 30 मिनट पर मंगल की राशि वृश्चिक से देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु में होने जा रहा है । जो 4 जनवरी 2021 तक यहां गोचर करेंगे। सूर्य पहले से भी पहले से ही इस राशि में विराजमान हैं।
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बृहस्पति ज्ञान आध्यात्म के कारक ग्रह है। देवगुरु की राशि मे बौद्धिकता, ज्ञान, चतुरायी, आदि के कारक ग्रह बुध का प्रवेश तथा पहले से ही गोचरवत सूर्य के साथ बुधादित्य योग का निर्माण निश्चित तौर पर बड़ा एवं सकारात्मक परिवर्तन है। इसका चराचर जगत सहित प्रत्येक प्राणी पर, धार्मिक संस्थानों पर एवं विद्यालयी संस्थानों पर पड़ेगा। यह संयोग बहुत शुभ होता है और इससे बहुत ही शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। बुधादित्य योग बनने से कई राशियों के लिए भाग्योदय का योग बन रहा है तो कई राशियों के लिए सफलता का योग भी। आइए जानें विभिन्न राशियों पर असर
मेष :- तृतीयेश-रोगेश होकर भाग्य भाव में।
पराक्रम में वृद्धि ,
भाई-बन्धुओ का सहयोग सानिध्य,
भाग्य का साथ,
आन्तरिक रोग एवं शत्रु तनाव देंगे।
बौद्धिकता के आधार पर लाभ
पट्टेदारी का तनाव
प्रसिद्ध में वृद्धि
सन्तान पक्ष से सकारात्मकता
वृष :- द्वितीयेश-पंचमेश होकर अष्टम भाव में।
वाणी व्यवसाय से लाभ
पेशाब संबंधित या आंतरिक समस्या में वृद्धि
धन एवं पारिवारिक वृद्धि
पारिवार में शुभ कार्य
अध्ययन-अध्यापन में अरुचि
आध्यात्मिक कार्यो में रुचि
आँखों का ख्याल रखें
शुगर आदि की पुरानी समस्या उभर सकती है।
मिथुन :- लग्नेश-सुखेश होकर सप्तम भाव मे।
मनोबल में वृद्धि
स्वास्थ्य में वृद्धि
गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि
दाम्पत्य में थोड़ा विवाद सम्भव
प्रेम संबंधों में टकराव या तनाव
सरकारी लाभ
साझेदारी में विवाद से बचें
माता के सहयोग सानिध्य में वृद्धि
कर्क :– व्ययेश-पराक्रमेश होकर षष्ट भाव मे
व्यय में वृद्धि ,यात्रा पर खर्च
आन्तरिक रोग एवं शत्रु में वृद्धि
पराक्रम में कमी
पारिवारिक तनाव में वृद्धि
आर्थिक कार्यो में अवरोध
भाई बहनों को लेकर तनाव
एलर्जी की समस्या,सुगर आदि की समस्या से बचे
सामाजिक दायरों में कमी की संभावना
सिंह :- धनेश – लाभेश होकर पंचम भाव में।
रोजगर , आय एवं लाभ में वृद्धि
व्यापारिक दृष्टि से लाभ प्रद समय
अध्ययन-अध्यापन में वृद्धि
धनागम के आसार बनेंगे
संतान को लेकर शुभ समाचार
बौद्धिक प्रयोग के आधार लाभ
राजनीति लाभ
कन्या :- लग्नेश-राज्येश होकर चतुर्थ भाव मे।
सम्मान एवं पद में वृद्धि
परिश्रम में वृद्धि
सुख ,गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि
माता के स्वास्थ्य में वृद्धि
मनोबल में वृद्धि
रोजगार में वृद्धि
प्रगति की अच्छी अवधि
सीने में थोड़ा कष्ट ,घबराहट
तुला :- भाग्येश-व्ययेश होकर तृतीय भावस्थ।
भाग्य भाव पर दृष्टि भाग्य में वृद्धि
पिता का सहयोग सानिध्य
पराक्रम एवं सम्मान में वृद्धि
भाई / बहनो पर खर्च
यात्रा ,धार्मिक भी होगी
व्यापार में नए अवसर
बौद्धिकता में वृद्धि
वृश्चिक :- अष्टमेश-लाभेश होकर धन भाव मे।
अष्टम भाव पर दृष्टि
पेट और पैर की समस्या
पेशाब या सुगर संबंधित समस्या में वृद्धि
धन एवं आय में वृद्धि
प्रसिद्धि एवं वाणी व्यवसाय में वृद्धि
सुख में वृद्धि,
वाणी में तीव्रता भी सम्भव
धनु :- सप्तमेश- राज्येश होकर लग्न भाव में।
व्यापारिक संबंधों में वृद्धि
दांपत्य में सामान्य वृद्धि
सरकारी या संस्थागत लाभ में वृद्धि
भाग्य में वृद्धि, जीवन साथी से वैचारिक तनाव
सम्मान एवं कार्य क्षेत्र में वृद्धि
साझेदारी से लाभ
स्थान परिवर्तन की संभावना
मकर :- रोगेश -भाग्येश होकर द्वादश भाव में।
यात्रा की संभावना बनेगी
पारिवारिक विवाद या तनाव
आँखों मे कष्ट
खर्च में वृद्धि
भाग्य में परिवर्तन की संभावना
एलर्जी की भी समस्या
आन्तरिक रोग एवं शत्रु में वृद्धि
कुम्भ :- पंचमेश – अष्टमेश होकर पंचम भाव में।
बौद्धिक क्षमता में वृद्धि
अध्ययन-अध्यापन में रुचि
संतान के पक्ष से शुभ समाचार
अचानक स्वास्थ्य के कारण आय में कमी
व्यापारिक क्षेत्र में परिवर्तन या विस्तार
जीवन साथी से लाभ की स्थिति
पुरानी बीमारी या पेट की समस्या उभर सकती है।
मीन :- सुखेश- सप्तमेश होकर राज्य भाव में।
माता के सानिध्य में वृद्धि परंतु कष्ट भी
अपने से उच्चस्थ अधिकारी से विवाद
सुख के साधनों एवं गृह, वाहन सुख में वृद्धि
साझेदारी से लाभ
व्यापार में विस्तार या व्यापारिक लाभ में वृद्धि
जीवन साथी का सहयोग एवं प्रेम संबंधों में वृद्धि
परिश्रम में अवरोध ,पिता से विवाद या तनाव
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