ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। शुक्र धनु राशि में हैं। सूर्य, बुध, शुक्र और गुरु मकर राशि
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। वृषभ में राहु हैं। वृश्चिक में केतु हैं। धनु राशि में शुक्र हैं। मकर राशि में सूर्य, बुध, गुरु, शनि हैं। चंद्र
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। शुक्र धनु राशि में हैं। सूर्य, बुध, गुरु और शनि मकर राशि मे
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेन्द्र उपाध्याय, गोरखपुरग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। केतु वृश्चिक राश
ग्रहों की स्थिति- मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। शुक्र धनु राशि में हैं। ग्रहों का जमावड़ा लगा हुआ मकर राशि
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में, राहु वृषभ राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य और शुक्र धनु राशि में हैं। चंद्रमा, शनि, गुरु और बुध मकर
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य, शुक्र और चंद्रमा धनु राशि में हैं। शनि, बुध और गुरु
गुरुवार 14 जनवरी को ग्रहों के राजा सूर्य सुबह 8 बजकर 08 मिनट पर शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ परम पावन उत्तरायण भी प्रारंभ हो जाएगा। य
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य, शुक्र और चंद्रमा धनु राशि में हैं। बुध, गुरु और शनि
ग्रहों की स्थिति - मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। वृश्चिक राशि में केतु हैं। धनु में सूर्य, शुक्र और चंद्रमा हैं। मकर राशि में बुध, शन
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। चंद्रमा और केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य और शुक्र धनु राशि में हैं। बुध, गुरु और शन
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। चंद्रमा नीच का होकर केतु के साथ वृश्चिक राशि में बैठे हैं। धनु राशि में सूर्य और शु्क्
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। चंद्रमा तुला राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। धनु राशि में सूर्य ओर शुक्र हैं।
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। चंद्रमा कन्या राशि के हो चुके हैं। केतु अभी भी वृश्चिक राशि में चल ही रहे हैं।
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। चंद्रमा सिंह राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। शुक्र का प्रवेश धनु राशि में हो
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। चंद्रमा सिंह राशि में प्रवेश कर चुके हैं। शुक्र और केतु अभी भी वृश्चिक राशि में हैं। ध
ग्रहों की स्थिति - मंगल मेष राशि में बैठे हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। चंद्रमा कर्क राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। धनु राशि में सूर
नए साल में सूर्य मंगल, बुध, शुक्र और गुरु ग्रह सभी राशि परिवर्तन करेंगे। लेकिन शनि और राहु केतू ग्रह पूरे साल राशि परिवर्तन नहीं करेंगे। इनमें देवगुरु
किसी दुस्वपन्न सा बीत गया वर्ष 2020 और 2021 पर टिकी हैं पूरी दुनिया की निगाहें। भविष्य के गर्भ में उनते लिए क्याछिपा है, सभी जानने को आतुर है। ढेरों उ
ग्रहों की स्थिति-मंगल की बहुत अच्छी स्थिति दिखाई पड़ रही है। पूरे जनमानस में रक्त, बल, मांसपेशियां आदि के लिए फायदेमंद है। वृषभ राशि म
ग्रहों की स्थिति-राहु वृषभ राशि में हैं। मंगल मेष राशि में हैं। चंद्रमा मिथुन राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य और बुध धनु राशि
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ, चंद्रमा मिथुन राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। धनु राशि में सूर्य और बुध और मकर रा
ग्रहों की स्थिति-मंगल मेष राशि में हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। चंद्रमा मिथुन राशि में हो चुके हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य और बुध ध
ग्रहों की स्थिति-मंगल स्वग्रही होकर मेष राशि में हैं। चंद्रमा और राहु ग्रहण योग बनाकर वृषभ राशि में चल रहे हैं। वृश्चिक राशि में शुक्र और केतु
ग्रहों की स्थिति-मंगल स्वग्रही होकर मेष राशि में हैं। शुक्र के घर में यानी वृषभ राशि में चंद्रमा और राहु एक साथ ग्रहण योग बनाकर बैठे हैं। चंद्
ग्रहों की स्थिति - मंगल और चंद्रमा अभी भी लक्ष्मी योग बनाकर मेष राशि में बैठे हैं। राहु वृषभ राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं।
वर्ष के प्रारंभ में मन प्रसन्न रहेगा। शैक्षिक व बौद्धिक कार्यों में सफलता मिलेगी। कारोबार की स्थिति संतोषजनक रहेगी। आय में वृद्धि होगी। छह अप्रैल से श
ग्रहों की स्थिति - मंगल और चंद्रमा मेष राशि में हैं। बहुत बड़ा परिवर्तन यह कहा जाएगा। मंगल का स्वग्रही होना, शरीर में रक्त का नेतृत्
वर्ष के प्रारंभ में मन परेशान रहेगा। धैर्यशीलता में कमी रहेगी। स्वास्थ्य में भी गड़बड़़ी हो सकती है। 22 फरवरी से कार्यक्षेत्र में परिश्रम की कमी आएगी। भ
वर्ष के प्रारंभ में मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। 5 जनवरी से कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। भवन सुख
वर्ष के प्रारंभ में क्रोध व आवेश की अधिकता हो सकती है। चार फरवरी के बाद किसी पुराने मित्र का आगमन हो सकता है। उपहार में वस्त्रों की प्राप्ति हो सकती ह
22 फरवरी तक अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। परिवार का साथ रहेगा। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। कारोबार में वृद्धि के योग बन रहे हैं। परिश्रम भी अधिक र
वर्ष के प्रारंभ में क्रोध की अधिकता हो सकती है। आत्मविश्वास में कमी रहेगी। कारोबार में परिश्रम अधिक रहेगा। 15 जनवरी के बाद पिता के स्वास्थ का ध्यान रख
वर्ष के प्रारंभ में मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे, परन्तु कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों से चिंतित भी हो सकते हैं। 22 फरवरी से कार्यक्ष
ग्रहों की स्थिति - मेष राशि में चंद्रमा का गोचर हो चुका है। राहु वृषभ राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य और बुध धनु राशि में हैं।
ग्रहों की स्थिति - राहु वृषभ राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। धनु राशि में सूर्य और बुध हैं। मकर राशि में शनि और गुरु हैं। मीन राशि म
वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे, परंतु धैर्यशीलता में कमी रहेगी। किसी पैतृक संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है। पांच अप्रैल तक शैक्षिक कार
वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास से लबरेज रहेगें। ‘क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा’ की मनः स्थिति रहेगी। पांच जनवरी से कारोबार की स्थिति में सुधा
वर्ष के प्रारंभ धैर्यशीलता में कमी रहेगी। पांच जनवरी से 25 जनवरी के मध्य मन परेशान हो सकता है। परिवार की समस्याएं परेशान कर सकती हैं। रहन-सहन भी अव्यव
किसी अज्ञात भय से परेशान रहेंगे। वर्ष के प्रारंभ में परिवार की समस्याएं भी हो सकती हैं। चिकित्सीय खर्च अधिक हो सकते हैं। 22 फरवरी से जीवनसाथी के स्वास
ग्रहों की स्थिति-राहु वृषभ राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य और बुध धनु राशि में हैं। गुरु और शनि मकर राशि में हैं। मंगल और चंद्
वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास से परिपूर्ण तो रहेंगे, परंतु मन परेशान भी हो सकता है। परिवार में व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। चार जनवरी से जीवनसाथी के
ग्रहों की स्थिति-राहु वृषभ राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य, बुध धनु राशि में हैं। गुरु और शनि मकर राशि में, चंद्रमा कुंभ राशि
ग्रहों की स्थिति - राहु वृषभ राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य और बुध धनु राशि में हैं। मकर राशि में गुरु और शनि हैं। चंद्रमा कु
ग्रहों की स्थिति-राहु वृषभ राशि में हैं। शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य और बुध का धनु राशि में हैं। मकर राशि में चंद्रमा, शनि और गुरु बैठे
न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव साल 2021 में शनिदेव कोई राशि परिवर्तन नहीं करेंगे। शनिदेव मकर राशि में ही पूरे साल विराजमान रहेंगे। इसी राशि में
विद्या, बौद्धिकता, लेखन शक्ति, पत्रकारिता, साहित्य, चतुराई, ज्ञान, अध्ययन-अध्यापन आदि के कारक ग्रह बुध का गोचरीय परिवर्तन मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष द्वित
ग्रहों की स्थिति-राहु वृषभ राशि में हैं। शुक्र, बुध, केतु वृश्चिक राशि में हैं। सूर्य धनु राशि में हैं। चंद्रमा, शनि और गुरु मकर राशि में हैं और मंगल
मिथुन राशि के लोगों के लिए 2021 मिश्रित परिणाम देने वाला रहेगा। आपके जीवन में कुछ चीजों में तो सुधार होगा पर कुछ चीजों के लिए संघर्ष बना रहेगा। मिथुन
31 जनवरी 2020 रात्रि 12:00 बजे के बाद 00:00:01 बजे सन 2021 आरंभ होगा। इस समय दिन गुरुवार, एक जनवरी 2021 ,गुरु पुष्य महायोग में नव वर्ष आरंभ होगा। अंक
ग्रहों की स्थिति-राहु वृषभ राशि में हैं सूर्य और चंद्रमा धनु राशि में हैं। शुक्र, बुध, केतु अभी भी वृश्चिक राशि में बैठे हुए हैं। जब सूर्य धनु और मीन
15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने जा रहा है। करेगा। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया इसे धनु संक्रांति कहते है। वहीं धनु, देवगुरु बृ