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कैलाश पर्वत के अनसुलझे रहस्य, वैज्ञानिक भी माने हार

कैलाश पर्वत, जिसे दुनिया का सबसे पवित्र और रहस्यमय पर्वत माना जाता है।धार्मिक दृष्टी से तो यह फेमस है ही। साथ ही वैज्ञानिकों के लिए भी यह रिसर्च का  विषय है।6638 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह पर्वत न केवल हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है, बल्कि बौद्ध, जैन और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए बहुतकैलाश पर्वत के अनसुलझे रहस्य महत्व रखता है। बता दें, यह एक धार्मिक स्थान तो है ही लेकिन यह कई रहस्यों से भरा बड़ा है जिसका पता आज तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए।

शिव,पार्वती का निवास स्थान है कैलाश पर्वत

माना जाता है। कि महादेव और मां पार्वती कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं।वे यही से सारी सृष्टि को चलते हैं। इस पर्वत पर जाना पूरी तरह से मना है। परंतु  रशिया के वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट के अनुसार जो यूएनस्पेशियल मैग्जीन के  2004 के जनवरी  अंक में छपा था।कि11वी सदी में तिब्बत के बौध्द योगी मिलारेपा  इस पर्वत पर गए थे।लेकिन खुद मिलारेपा ने इसके बारे में आज तक कुछ नहीं कहा। बात दें, हिन्दूओं के साथ कई और धर्म के लोगो भी इसे अपना पवित्र स्थान मानते है। बौध धर्म के लोग कहते है कि बुद्ध ने यहां ध्यान किया था। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए, यह पर्वत भगवान ऋषभदेव के निर्वाण स्थल माना जाता है। वहीं  तिब्बती बोन धर्म में भी कैलाश पर्वत को पवित्र माना गया है।

कोई नहीं चढ़ पाया आज तक यह पर्वत

कहा जाता है कि इस पर्वत को आज तक कोई भी नहीं चढ़ पाया है। जो भी व्यक्ति इस पर्वत पर चढ़ने की कोशिश करता है। वो किसी न किसी कारण वश पर्वत पर नहीं चढ़ पाता ।अभी तक कई पर्वतरोहियो ने इस पर्वत पर जाने की कोशिश की लेकिन कोई भी इस की चोटी तक नहीं पहुंच पाया।कहा जाता है कि इस पर्वत पर अदृश्य शक्तियां निवास करती हैं। जो पर्वत पर लोगों को चढ़ने नहीं देती।

शिवलिंग के जैसा है कैलाश पर्वत का आकार

कैलाश पर्वत को ब्रह्मांड का केंद्र कहा जाता है। वही इसके आकार की बात करें तो कैलाश पर्वत की आकृति एक विशाल शिवलिंग जैसी देखती है।यह भी एक रहस्य की तरह ही लगता है।

कैलाश पर्वत की रहस्यमय झीलें

कैलाश पर्वत की दो झीलें मानसरोवर और राक्षसताल झील है। जिसमें मानसरोवर झील को सकारात्मक  ऊर्जा का स्रोत मना जाता है। और राक्षसताल झील को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यह झीलों भी रहस्यमयी एक पहेली है।

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