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UP : देश में अनोखी पहल, अब होगा ‘कर्मकांड + कमांडो कोर्स’

काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शुरू होगा मंदिर प्रबंधन कोर्स

UP : महाकुंभ के बाद लोगों में बड़ा बदलाव महसूस किया जा रहा है। भक्ति के इस कुंभ में उमड़े रेले से ये बात साबित भी होती है, जिसमें महज 45 दिनों के भीतर 66 करोड़ से ज्यादा भक्तों ने प्रयागराज के संगम में डुबकी लगा डाली। अब जरा कुछ आंकड़ों पर गौर करते हैं। 2022 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) के मुताबिक देश की मंदिर अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 3.02 लाख करोड़ रुपये का योगदान कर रही थी, जो उस समय GDP का 2.32% था। 45 दिनों के महाकुंभ से ही यूपी की अर्थव्यवस्था में तीन लाख करोड़ से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है। योगी सरकार का कहना है कि महाकुंभ के आयोजन में लगभग 1500 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

महाकुंभ का असर आसपास के अन्य जिलों के धार्मिक स्थलों पर भी देखा गया। अयोध्या, मथुरा, काशी… इन सभी जगहों पर भी प्रयागराज की तरह ही बंपर भीड़ उमड़ी। अयोध्या में तो मंदिर के उद्घाटन के बाद से ही हर साल 5 गुना से भी ज्यादा भक्तों की भीड़ बढ़ रही है। भक्तों की आस्था से अर्थव्यवस्था का चक्का भी बहुत तेजी से घूमता है

मंदिरों पर उमड़ती ये भारी भीड़ ही ‘मंदिर प्रबंधन’ में करियर के नए अवसर ला रही है। मंदिर प्रबंधन में प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग बढ़ रही है, जो मंदिरों के संचालन, रखरखाव और प्रशासन का प्रबंधन कर सकें। इसी जरूरत को देखते हुए अब काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मंदिर प्रबंधन का कोर्स शुरू करने की तैयारी है।

विश्वविद्यालय में अगले साल अप्रैल से मंदिर प्रबंधन का नया कोर्स शुरू होने जा रहा है। इस कोर्स में मंदिर निर्माण के सिद्धांत, मूर्ति प्रतिष्ठा और प्राण प्रतिष्ठा की विधियां, वास्तु शास्त्र, क्राउड मैनेजमेंट जैसी बातें बताई जाएंगी। कोर्स में कर्मकांड, ज्योतिष शास्त्र और मंदिर प्रशासन से जुड़े कौशल सिखाए जाएंगे। इसके अलावा मंदिर की आर्थिक व्यवस्था, श्रद्धालुओं की सुविधा, मंदिर की साफ-सफाई और सांस्कृतिक-धार्मिक विरासत के संरक्षण की बारीकियां इस कोर्स में सिखाई जाएंगी।

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