धर्म/अध्यात्म

Navratri: चमत्कारी सिद्ध कुंजिका स्तोत्र, मां दुर्गा को करें प्रसन्न

एक मंत्र है जो अत्यंत ही प्रभावशाली और शक्तिशाली

माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ बहुत ही फलदायी माना जाता है। देवी भगवती की कृपा प्राप्त करने के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना बहुत ही दुर्लभ उपाय माना जाता है। इस पाठ से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और ऐसा कहा गया है कि इस स्त्रोत का पाठ करने से दुर्गा सप्तशती के पाठ का फल प्राप्त हो जाता है।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में गया एक— एक मंत्र अत्यंत ही प्रभावशाली और शक्तिशाली है। इसमें बीजों का समावेश है। बीज किसी भी मंत्र की शक्ति होते हैं और साधक की सभी प्रकार की इच्छाओं को पूर्ती करने में सक्षम होते हैं। यह पाठ करने के पूर्व कवच, अर्गला, कीलक का पाठ करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ की विधि

विधिपूर्वक और पूरी श्रद्धा के साथ सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से बहुत सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। इसका पाठ ब्रह्म मुहूर्त या रात्रि को करना बहुत प्रभावशाली होता है। नवरात्रि के दिनों में इसका पाठ का सबसे अधिक प्रभाव देता है। लाल रंग माँ भगवती दुर्गा को अत्यंत प्रिय है। इसका पाठ लाल रंग के आसन पर बैठकर और लाल रंग के वस्त्र पहन कर करना चाहिए। इससे इस स्त्रोत के और भी अधिक फल प्राप्त होते हैं।

यदि साधक किसी विशेष कामना की पूर्ति हेतु सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहता है तो उसे शुक्रवार के दिन से संकल्प लेकर प्रारंभ करना चाहिए। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ पूरे 48 मिनट तक लगातारपाठ करना चाहिए। पाठ करते समय एकाग्र होकर बिना हिले—डुले,बैठना चाहिए। कितना भी आलस्य आए पाठ छोड़कर बीच में नहीं उठना चाहिए। इसके पाठ से देवी भगवती की कृपा प्राप्त होती है और दुर्गा जी के आशीर्वाद से आपके जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है,शत्रुओं का नाश होता है,वाणी और मन की शक्ति मिलती है,असीम ऊर्जा का संचार होता है,खराब ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा मिलता है,धन समृद्धि मिलती है,तंत्र-मंत्र की नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का वर्णन श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में किया गया है।

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