Ram Navami : चैत्र नवरात्र देवी उपासना के लिए है महत्वपूर्ण
रामनवमी- करुणा और भाईचारे का प्रतीक,अयोध्या का अर्थ ?

Ayodhya:चैत्र नवरात्र देवी उपासना के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान राम का जन्म राजा दशरथ और रानी कौशल्या के यहाँ इसी दिन हुआ था। खुशी और उल्लास के इस त्योहार को मनाने का उद्देश्य हमारे भीतर “ज्ञान के प्रकाश का उदय” है। वे युगों से मर्यादा पुरुषोत्तम के प्रतीक के रूप में माने जाते हैं। भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए दुनिया में श्री राम के रूप में अवतार लिया।
श्रीरामचरितमानस में बताया गया है:
“असुर मारि थापहिं सुरन्ह राखहिं निज श्रुति सेतु।
जग बिस्तारहिं बिसद जस राम जन्म कर हेतु।।”
अर्थात् श्री रामचन्द्रजी का अवतरण असुरों को मारकर देवताओं को स्थापित करने के लिए,(श्वास रूप) वेदों की मर्यादा की रक्षा करने के लिए और जगत् में अपने निर्मल यश की ख्याति बढ़ाने के लिए होता है।
मंदिरों और घरों में इस दिन विशिष्ट आयोजन होते हैं जैसे भजन,कीर्तन, रामायण पाठ और भण्डारे।
भक्त राम के साथ उनके भ्रताओं और अयोध्या की भी स्तुति करते हैं क्योंकि शास्त्रों के अनुसार
भगवान राम का अपना प्रकाश है,
लक्ष्मण का अर्थ है सतर्कता,
शत्रुघ्न का अर्थ है जिसका कोई दुश्मन नहीं है या जिसका कोई विरोधी नहीं है,
भरत का अर्थ है योग्य,
अयोध्या का अर्थ है एक ऐसी जगह जिसे नष्ट नहीं किया जा सकता
और जहाँ भगवान के अवतरित होने का मुख्य उद्देश्य है — जीव कल्याण। वे इस लक्ष्य पूर्ति हेतु अपने दिव्य नाम, रूप, गुण, लीला, धाम, और संतों को प्रकट करते हैं, जिनका आश्रय लेकर जीव भक्ति करके अपना कल्याण करते हैं एवं भवसागर से पार हो जाते हैं।
राम नवमी धार्मिक सीमाओं से परे प्रेम, करुणा और भाईचारे के सार्वभौमिक मूल्यों को दर्शाता है। यह न्याय और नैतिकता के शाश्वत सिद्धांतों की याद दिलाता है जो एक सामंजस्यपू