MP:”स्व: संकल्पना से समृद्धि विषय पर राज्य स्तरीय वैचारिक संवाद”

भोपाल।रविवार को “स्वः संकल्पना से समृद्धि” विषय पर दोपहर 03 बजे से 005 बजे तक स्वैच्छिक संस्थाओ के साझा समूह (यूएनजीओ) द्वारा “वैचारिक संवाद” का आयोजन गांधी भवन के विनोबा सभागार भोपाल में किया गया। कार्यकाम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. राजनीश कर्ण, डॉ. महेन्द्र सिंह, सुरेश राठौर, शुचि अग्रवाल, सुधाकर पंडागरे, धर्मेंद्र रोहर ने अपने विचार व्यक्त किए।

वर्तमान समय में स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए शासकीय कार्य नितियों में बदलाव
वर्तमान समय में स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए शासकीय कार्य नितियों में आये विभिन्न बदलाव को लेकर स्वैच्छिक संस्थाओं को नवीनतम जानकारी प्रदान करने के लिए “स्व संकल्पना से समृद्धि” विषय पर विशेषज्ञों द्वारा उपयोगी ज्ञान – वर्धक राज्य स्तरीय वैचारिक संवाद आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉक्टर राजीव कर्ण ने कहा कि स्व: संकल्पना से समृद्धि एक बहुत गहरा और शक्तिशाली विचार है जो यह मानता है कि हमारी आंतरिक धारणाएँ,विश्वास, और स्वयं के प्रति अपना दृष्टिकोण हमारी बाहरी जीवन की सफलता तथा समृद्धि को सार्थक दर्शाता है।
द्वितीय वक्ता के रूप में शुचि अग्रवाल ने सृजनात्मक अभिव्यक्ति से समृद्धि के पायदान को कैसे प्राप्त कर सकते हैं, विषय पर विचार व्याक्त किये।
वास शिल्पी धर्मेन्द्र रोहर, गोबर शिल्पी जितेंद्र राठौर ने, सेल्फ प्रोजेक्ट पर सुधाकर पंडागरे ने तथा नाट्य अभिनय, कला और संस्कृति विषय पर नितिन तेजराज अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय वक्तव्य अबयांश वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष मंजुला ठाकुर ने दिया । कार्यक्रम का संचालन यू एनजीओ ग्रुप प्रमुख सतीश पुरोहित ने किया। कार्यक्रम में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन विदिशा,निरंतर योग एवं समाजिक संस्था, महिला जीवन दर्शन सेवा समिति, गोबर शिल्पी संस्थान, गोबर शाला कूआखेडी विदिशा, प्रजापति रुपक संस्थान, सेवा भारती गोबर शिल्प , जय कृष्ण लाल मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी, संवेदना भोपाल, अव्यांश वेलफेयर सोसाइटी, शिल्पकार महिला कल्याण समिति, ऐंजिल्स वेलफेयर सोसाइटी, संकल्प आश्रय जन कल्याण समिति , सर्वहित जन कल्याण समिति, खुश ख्याल समाजिक कल्चरल संस्थान, हेमा महिला विकास समिति,जबलपुर, अनुपमा कला संस्कृतिक संस्था विकल्प संस्था, सोशल वेलफेयर सोसाइटी, जस्ट राइट सोसाइटी विदिशा बुंदेलखंड समाज विज्ञान शोध संस्थान ललितपुर सहित बड़ी संख्या में समाजिक कार्यकता, पत्रकार, सेवा निवृत्त शासकीय सेवक, उपस्थित रहे।