Ekadashi : कब है मोहिनी एकादशी ? जानें,महत्व…
समुद्र मंथन से जुड़ी है मोहिनी एकादशी की पौराणिक कथा,इस दिन भूल कर भी न करें ये गलती

भोपाल।मोहिनी एकादशी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी है।यह एकादशी बहुत ही पावन फलदायी एकादशी मानी जाती है। इस बार 2025 की ये एकादशी 8 मई को पड़ने वाली है।इस दिन विधि विधान से उपवास रखने ,श्री विष्णु और लक्ष्मी का पूजन करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
मोहिनी एकादशी महत्व
अगर इसके महत्व की बात करें तो,यह एकादशी मनुष्यों के पापों को नष्ट करने वाली एकादशी मानी जाती है। ,साथ ही पुण्यों का उदय करने वाली एकादशी मानी जाती है इस करने से हर मनोकमनाए पूरी होती है।
मोहिनी एकादशी की पौराणिक कथा
इस एकादशी की पौराणिक कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है।कहा जाता है,की समुद्र मंथन के दौरान अमृत को लेकर देवताओं और असुरों में लड़ाई मच गई थी।और भगवान विष्णु को मोहिनी रूप धारण करना पड़ा और उन्होंने ने असुरों को मोह-माया जाल में फंसाकर सारा अमृत देवताओं को पिला दिया,इस दिन एकादशी थी, इसलिए इस एकादशी का नाम मोहिनी एकादशी पड़ा।
एकादशी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां
बता दें,इस एकादशी पर भूलकर ये गलतियां न करें, क्योंकि इसका बहुत ही बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है। इस एकादशी पर किसी से भी झगड़ा न करें साथ ही प्याज लहसुन चावल नहीं खाना चाहिए।क्योंकि कहा जाता है,एकादशी के दिन चावल खाने से अगल जन्म में कीडे़ मकोड़े बनते हैं, इस लिए ऐसे काम करने से बचें।