धर्म/अध्यात्म

चातुर्मास : देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक नहीं होगा कोई मंगल कार्य

भोपाल।चातुर्मास के आते ही त्योहारों की बहार आ जाती है। चातुर्मास के इन चार महीने देवशयनी एकादशी तक कई त्योहार आते हैं। कल से चातुर्मास शुरु हो रहा है। कल से 4 महीन के लिए के लिए भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करेंगे। इस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान भोलेनाथ करेंगे इस दौरान कई त्यौहार पडेंगे इस बार त्योहार पिछले बार से थोड़ा जल्दी ही आने वाले है। अगस्त के महीने में ही रक्षाबंधन के साथ ही जन्माष्टमी तीज व्रत और गणेश उत्सव भी इस बार अगस्त के महीने में ही पड़ेगा।

इन चार महीने में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी शादी विवाह के कार्यों को करना गृह प्रवेश करना किसी भी तरह के शुभ कामों को करना वर्जित माना जाता है।

भगवान की शयन लीला
मंदिरों में भगवान की शयन लीला होगी। जिसमें इस दौरान मंदिरों में भजन गीत, धार्मिक अनुष्ठान होंगे और भगवान विष्णु को शयन कराया जाएगा।
चार माह महीने तक नहीं होगा कोई भी शुभ कार्य

कल से सभी मंगल कार्यों को देवउठनी एकादशी तक करना बंद कर दिया जाएगा। फिर दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी पर फिर से सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।

देवशयनी एकादशी पर मराठी समाज की ओर से विडी यात्रा भी निकाली जाएगी।

चातुर्मास का महीन तप साधना के लिए एक विशेष महीना माना गया है होता है। चातुर्मास को साधना के लिए विशेष फलदायी माना गया है। चातुर्मास में अनेक साधु सन्यासी एक ही स्थान पर रहकर जप तप और साधन करते हैं।इस माह में जप-तप करने का एक विशेष ही फल मिलता है।

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