विश्वकर्मा पूजा मशीनरी, औजार, वाहन आदि क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए बड़ा पर्व है। इस दिन इन क्षेत्रों से जुड़े लोग अपने काम बंद रखते हैं।
मशीनों और वाहनों को आराम देते हैं, इनकी साफ-सफाई करते हैं और विश्वकर्मा के साथ ही इन सभी चीजों की भी पूजा करते हैं।
विश्वकर्मा देवताओं के शिल्प हैं और इनकी पूजा से मशीनरी से जुड़े कामों में आने वाली बाधाएं खत्म हो जाती हैं
आसपास जितनी भी मशीनरी और निर्माण कार्य दिख रहे हैं, वे भगवान विश्वकर्मा की वजह से ही हैं।
विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, महल बनाए हैं।
द्वापर युग में विश्वकर्मा जी ने श्रीकृष्ण की द्वारिका बनाई थी
पौराणिक कथाओं में नल और नील भगवान विश्वकर्मा के पुत्र थे
पौराणिक कथाओं में के अनुसार नल और नील भगवान विश्वकर्मा के पुत्र थे