January 17, 2025

Bandhavgarh Tiger Reserve : क्यों हुई थी हाथियों की मौत,क्या है ऑपरेशन वाईल्ड ट्रैप ?

Bandhavgarh Tiger Reserve

Bandhavgarh Tiger Reserve : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद वन विभाग ने वन्य प्राणी क्षेत्रों में गश्त तेज करने और अवैध शिकार करने वालों पर कार्रवाई के लिए ऑपरेशन ‘वाइल्ड ट्रैप’ चलाने का फैसला किया है।यह अभियान 1 दिसंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। अभियान के तहत जांच दल के अधिकारी हर 15 दिन में अपने एरिया की गश्त से संबंधित रिपोर्ट सौंपेंगे। वन विभाग ने यह भी कहा है कि जिन क्षेत्रों में गश्त नहीं होगी, वहां के काम का रिव्यू कर कार्रवाई की जाएगी। अभियान के दौरान पुलिस और विद्युत विभाग की भी मदद ली जाएगी। दिन और रात दोनों में सघन गश्ती अभियान चलेगा।
गश्ती दल में 15 डॉग स्क्वाड का दस्ता साथ चलेगा।अभियान के दौरान वन क्षेत्र या राजस्व-वन क्षेत्र की सीमा पर विद्युत लाइनों के नीचे अनिवार्य रूप से गश्ती के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही फॉरेस्ट से लगे कृषि क्षेत्रों में लगी फेसिंग या बागड़ की सर्चिंग होगी। गश्ती के दौरान कहीं भी फंदे या लेग होल ट्रैप में वन्यजीव फंसा मिलता है, तो तत्काल रेस्क्यू स्क्वाड की मदद से मुक्त कराकर घायल होने पर इलाज कराया जाएगा, स्वस्थ्य होने पर जंगल में छोड़ा जाएगा। इलेक्ट्रोक्यूशन पाए जाने पर विद्युत विभाग की मदद से विद्युत आपूर्ति बंद कराकर कार्यवाही की जाएगी। वन अपराध में पूर्व में लिप्त रहे आरोपियों को निगरानी रजिस्टर में दर्ज कराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर स्थानीय पुलिस की मदद ली जाएगी।Bandhavgarh Tiger Reserve

पिछले दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत से पूरे देश में हड़कंप मच गया। IVRI बरेली की रिपोर्ट में बताया गया है कि हाथियों ने खराब कोदो पौधे बड़ी मात्रा में खा लिए थे, जिसमें साइक्लोपियाजोनिक एसिड मौजूद था और यही उनकी मौत का कारण बना। इस दर्दनाक घटना के 22 दिन बाद वेटनरी डॉक्टर को हटाया गया, क्योंकि जांच रिपोर्ट में पशु चिकित्सक डाॅ. नितिन गुप्ता की लापरवाही सामने आई है। यदि हाथियों को समय पर उपचार मिल गया होता तो शायद इतनी मौतें ना होती। हाथी रात भर चिंघाड़ते रहे, ग्रामीणों ने इसकी सूचना भी दी, लेकिन इसके 16 घंटे बाद डा. नितिन गुप्ता घटना स्थल पर पहुंचे थे।Bandhavgarh Tiger Reserve

हाथियों की मौत से सबक: ऑपरेशन ‘वाइल्ड ट्रेप’ चलेगा।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद वन विभाग ने वन्य प्राणी क्षेत्रों में गश्त तेज करने और अवैध शिकार करने वालों पर कार्रवाई के लिए ऑपरेशन ‘वाइल्ड ट्रैप’ चलाने का फैसला किया है।
यह अभियान 1 दिसंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। अभियान के तहत जांच दल के अधिकारी हर 15 दिन में अपने एरिया की गश्त से संबंधित रिपोर्ट सौंपेंगे। वन विभाग ने यह भी कहा है कि जिन क्षेत्रों में गश्त नहीं होगी, वहां के काम का रिव्यू कर कार्रवाई की जाएगी। अभियान के दौरान पुलिस और विद्युत विभाग की भी मदद ली जाएगी। दिन और रात दोनों में सघन गश्ती अभियान चलेगा।
गश्ती दल में 15 डॉग स्क्वाड का दस्ता साथ चलेगा।अभियान के दौरान वन क्षेत्र या राजस्व-वन क्षेत्र की सीमा पर विद्युत लाइनों के नीचे अनिवार्य रूप से गश्ती के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही फॉरेस्ट से लगे कृषि क्षेत्रों में लगी फेसिंग या बागड़ की सर्चिंग होगी। गश्ती के दौरान कहीं भी फंदे या लेग होल ट्रैप में वन्यजीव फंसा मिलता है, तो तत्काल रेस्क्यू स्क्वाड की मदद से मुक्त कराकर घायल होने पर इलाज कराया जाएगा, स्वस्थ्य होने पर जंगल में छोड़ा जाएगा। इलेक्ट्रोक्यूशन पाए जाने पर विद्युत विभाग की मदद से विद्युत आपूर्ति बंद कराकर कार्यवाही की जाएगी। वन अपराध में पूर्व में लिप्त रहे आरोपियों को निगरानी रजिस्टर में दर्ज कराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर स्थानीय पुलिस की मदद ली जाएगी।Bandhavgarh Tiger Reserve

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