October 4, 2024

Bhagat Singh jayanti :भगत सिंह की जयंती पर विशेष

Bhagat Singh jayanti

Bhagat Singh jayanti : भगत सिंह की जयंती पर विशेषआज शहीद भगत सिंह की जयंती है इस विशेष अवसर पर उनके बारें में जानें कुछ विशेष

12 मील पैदल चलकर जलियांवाला बाग

साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति

चौरी—चौरी काण्ड से हुए निराश

बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं और वहीं खड़े रहे

नौजवानों को दिया देश​भक्ति का संदेश

उस समय भगत सिंह करीब बारह वर्ष के थे जब जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ था। इसकी सूचना मिलते ही भगत सिंह अपने स्कूल से 12 मील पैदल चलकर जलियाँवाला बाग पहुँच गए। इस उम्र में भगत सिंह अपने चाचाओं की क्रान्तिकारी किताबें पढ़ कर सोचते थे कि इनका रास्ता सही है कि नहीं, भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को एक सिख परिवार में हुआ था। साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद भगत सिंह की जयंती पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें…

इनकी जन्म भूमि बंगा गांव, पश्चिमी पंजाब में है जो अब पाकिस्तान में है। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। वह एक किसान परिवार से थे। भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसम्बर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अधिकारी जेपी सांडर्स को मार डाला था। इस कार्रवाई में क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद ने उनकी पूरी सहायता की थी।Bhagat Singh jayanti

वर्ष 1922 में चौरी-चौरा हत्‍याकांड के बाद गाँधी जी ने जब किसानों का साथ नहीं दिया तब भगत सिंह बहुत निराश हुए। उसके बाद उनका अहिंसा से विश्वास कमजोर हो गया और वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि सशस्त्र क्रांति ही स्वतंत्रता दिलाने का एक मात्र रास्ता है। उसके बाद वह चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्‍व में गठित हुई गदर दल के हिस्‍सा बन गए। क्रान्तिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने वर्तमान नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेण्ट्रल एसेम्बली के सभागार संसद भवन में 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे। बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं और वहीं खड़े रहकर नारे लगाते हुए दोनों ने अपनी गिरफ्तारी दी थी। कहते हैं कि अंग्रेजी हुकूमत में कभी सूरज नहीं डूबता था। ऐसी सत्ता से टक्कर लेने वाले शहीद भगत सिंह के बलिदान को ये देश कभी भी नहीं भुला सकेगा। अपने जीवन की चिंता किए बगैर सिर्फ 23 साल की उम्र में वे देश के नौजवानों को देश​भक्ति का संदेश देने फांसी के फंदे पर झूल गए। आज हमारी टीम की ओर से उन्हें नमन।Bhagat Singh jayanti

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