Bulldozer Action : बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर की गई याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा बयान सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। किसी भी अपराधी का घर गिरा देना संविधान इसकी अनुमति नहीं देता । आपको बता दे कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले कहा, ‘अपना घर हो, अपना आंगन हो, इस ख्वाब में हर कोई जीता है. इंसान के दिल की ये चाहत है कि एक घर का सपना कभी न छूटे.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा ऐसे केसों को लेकर जब तक आरोपी पर आरोप साबित नहीं हो जाता उस समय तक कोई भी उसे आरोपी नहीं बोल सकता। इसे लेकर अधिकारियों की किसी भी प्रकार की मनमर्जी सहन नहीं की जाएगा। जस्टिस गवई ने कोर्ट में फैसला सुनाते वक्त कहा, ‘अपना घर पाने की चाहत हर दिल में होती है. हिंदी के मशहूर कवि प्रदीप ने इसे इस तरह से कहा है. घर सुरक्षा परिवार की सामूहिक उम्मीद है. क्या कार्यपालिका को किसी आरोपी व्यक्ति के परिवार की सुरक्षा छीनने की अनुमति दी जा सकती है? यह हमारे सामने एक सवाल है.’Bulldozer Action
कोर्ट ने कहा है सिर्फ कोई व्यक्ति आरोपी है इस कारण घर नहीं गिराया जा सकता । राज्य आरोपी के खिलाफ मनमानी कार्रवाही नहीं कर सकता ।बुलडोजर एक्शन सामूहिक दंड देने जैसा है, जिसकी संविधान में अनुमति नहीं है।कोर्ट की सुनवाई के बिना किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकताकानून का शासन मनमाने कामों की अनुमति नहीं देता है। चुनिंदा डिमोलेशन से सत्ता के दुरुपयोग का सवाल उठता है।आरोपी को भी आपराधिक कानून में सुरक्षा दी गई है कानून के शासन को खत्म नहीं होने दिया जा सकता है.संविधान में नागरिक अधिकारों और आजादी की सुरक्षा दी है।कार्यपालिका अपनी मनमर्जी से किसी नागरिक के घर को इसलिए तोड़ती है की उस व्यक्ति पर किसी भी तरह का आरोप है । तो यह संविधान का उल्लंघन करना है।ऐसा करने वाले आधिकारियों को मनमर्जी तरीके काम करने के लिए जिम्मेदार बताया जाना चाहिए और जो अधिकारी सत्ता का दुरुपयोग करते है उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए
जब किसी विशेष संपत्ति को अचानक से ध्वस्त करने के लिए चुना जाता है और उसी प्रकार की बाकी संपत्तियों को नहीं नुकसान पहुंचाया जाता है। तो यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि असली उद्देश्य कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि बिना सुनवाई के दंडित करना था।
संविधान में आवास का अधिकार अनुच्छेद 21 का हिस्सा है। यदि लोगों को उनके घरों से बेघर करना पड़े,तो अधिकारियों को यह बताना पड़ेगा। कि इस संपत्ति को ध्वस्त करना ही एकमात्र विकल्प है। घर के एक हिस्से को ध्वस्त करने के बजाय अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए। रात के समय औरतों और बच्चों को सड़कों पर घसीटते देखना सुखद दृश्य नहीं है?बिना कारण के नोटिस के कोई भी संपत्ति ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए। जो या तो स्थानीय नगरपालिका कानूनों में दिए गए समय के अनुसार या सेवा की तारीख से 15 दिनों के भीतर (जो भी बाद में हो) प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यह नोटिस पंजीकृत डाक के माध्यम से मालिक को भेजा जाएगा और संरचना के बाहरी हिस्से पर भी चिपकाया जाएगा। नोटिस में अवैध निर्माण की प्रकृति, विशेष उल्लंघन का विवरण और डेमोलेशन के आधार शामिल होने चाहिए।Bulldozer Action