Dhanteras 2024 : आज धनतेरस है और आज के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से स्वास्थ्य, धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के देवता माना जाता है, और उनकी पूरे विधि विधान से पूजा करने से कई लाभ होते हैं। तो आज हम आपको भगवान धन्वंतरि की पूजा करने की सही विधि बताने जा रहे है।
धनतेरस पर शाम के समय उत्तर दिशा में चौकी तैयार करके भगवान धन्वंतरि की मूर्ति स्थापित करें पूजा से पहले दीपक जलाने से पहले खील या चावल रखें.एक कलश में शुद्ध जल लेकर सभी देवी-देवताओं को आचमन कराएं. रोली, कुमकुम, हल्दी, गंध, अक्षत, पान, पुष्प, नैवेद्य या मिठाई, फल, दक्षिणा आदि अर्पित करें.भगवान धन्वंतरि से रोगों के नाश, स्वस्थ शरीर और परिवार के दीर्घायु और आरोग्यता के लिए प्रार्थना करें. भगवान धन्वंतरि को पीली वस्तु से बनी मिठाई का भोग लगाएं. Dhanteras 2024
भगवान धन्वंतरि के बारे में कुछ खास बातें
भगवान धन्वंतरि को देवताओं का वैद्य माना जाता है. उन्हें विष्णु का अवतार माना जाता है. पुराणों में उनका उल्लेख आयुर्वेद के देवता के रूप में किया गया है. कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के साथ भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस के दिन धन्वंतरी जयंती मनाई जाती है.
भगवान धन्वंतरी की पूजा विधि।
भगवान धन्वंतरी का ध्यान करके उनको अक्षत्, चंदन, पुष्प, फल, मिठाई, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें और उनके मंत्र का जाप करें. उसके बाद भगवान धन्वंतरी के स्तोत्र का पाठ करें. फिर घी के दीप जलाकर भगवान धन्वंतरी की आरती करें. पूजा में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा प्रार्थना कर लें।Dhanteras 2024
धन्वंतरी के फोटो घर में कहां रखें?
भगवान श्री धन्वंतरि, दिव्य चिकित्सक, जिन्हें आयुर्वेद के जनक के रूप में भी जाना जाता है, अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं। भगवान की तस्वीर उत्तर-पूर्व कोने के उत्तर में रखी जा सकती है।
भगवान धन्वंतरि की आरती इस प्रकार है
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए
देवासुर के संकट आकर दूर किए
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे
Dhanteras 2024