January 20, 2025

India alliance: ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन के नेतृत्व सौंपने की मांग

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India alliance: लोकसभा में इंडिया गठबंधन को 235 सीटें जबकि एनडीए 293 सीटेंं हैं। और साथ ही है नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व जिससे विपक्ष में नेतृत्व को लेकर जंग छिड़ गई है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से लगा था कि नरेंद्र मोदी को टक्कर देने का रास्ता मिल गया है और विपक्ष को राहुल गांधी से उम्मीदें बढ़ गईं। राहुल लोकसभा में नेता विपक्ष बनना इंडिया गठबंधन के लिए आशाओं की किरण जैसा था। कांग्रेस के अंदर और बाहर राहुल गांधी की धाक और साख दोनों बढ़ गई। परंतु हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार ने सारा मौसम ही बदल दिया और अब कांग्रेस के प्रति अविश्वास की झलक इंडिया गठबंधन के बाकी दलों में साफ देखी जा सकती है। इसी मौके का फायदा उठाकर ममता बनर्जी सियासी दांव चलने की तैयारी में हैं और बाकी दलों से आ रहे बयानों से ये स्पष्ट हो रहा है कि वे सब भी नेतृत्व परिवर्तन का समर्थन करते हैं। India allian

लालू यादव का ममता को समर्थन

गठबंधन के कई बड़े नेता नेतृत्व में बदलाव की वकालत करते नजर आ रहे हैं। इस बीच ममता बनर्जी ने खुद इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा भी जताई है। ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन के अंदर समर्थन मिलना भी शुरू हो गया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी इस बात का समर्थन किया है। लालू यादव ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता चुना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, कांग्रेस के विरोध का कोई मतलब नहीं है। ममता को ही नेता बनाया जाना चाहिए। इससे पहले तेजस्वी याद ने भी ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा था कि किसी भी सीनियर लीडर द्वारा गठबंधन का नेतृत्व करने पर कोई आपत्ति नहीं है। शरद पवार ने कहा था कि ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एक काबिल नेता हैं और वे मेहनती और जागरुक हैं।Iindia alliance

विधानसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस से उठा भरोसा

दिल्ली के विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया, लेकिन 2025 में दिल्ली के अलावा बिहार में भी विधानसभा चुनाव हैं। जिस तरह से तेजस्वी यादव ने बयान दिया है उससे ये लगता है कि बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के बीच गठबंधन खत्म हो सकता है। ये कांग्रेस के लिए ठीक संकेत नहीं है। अगर यूपी की बात करें तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच लगातार जिस तरह से बयानबाजी बढ़ रही है, तो लगता है कि यूपी में होने वाले 2027 के विधानसभा चुनावों में दो दलों की जोड़ी नहीं दिखेगी। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी INDIA गठबंधन तोड़ चुकी है। इसके बाद यूपी में भी संकेत कुछ ठीक नहीं है। झारखंड और जम्मू-कश्मीर के नतीजों के साथ क्षेत्रीय चेहरों ने साबित कर दिया कि उनकी सियासी जमीन मजबूत है। कांग्रेस ने अपने पाई हुई जमीन को फिर से खो दिया ​है। लिहाजा कांग्रेस जैसे कमजोर पड़ी, इंडिया गठबंधन में शामिल दलों में परिवर्तन की गहमागहमी बढ़ने लगी है। India alliance

कांग्रेस से किनारे की सुगबुगाहट

‘INDIA’ गठबंधन में एकता, एकजुटता और एकरूपता मोदी के खिलाफ रैलियों में ही दिखी। लेकिन पीएम मोदी और NDA वाले यही कहते रहे कि INDIA गठबंधन बहुत दिन नहीं टिकने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी यह कहते नजर आए कि INDIA गठबंधन में लालू यादव ने राहुल गांधी को दूल्हा और बाकी दलों को बाराती बता दिया। इस तरह से ‘INDIA’ गठबंधन की कमान कांग्रेस पर आ गई। लेकिन उस वक्त भी राहुल गांधी का दूल्हा बनना कई लोगों को रास नहीं आया। नीतीश कुमार जिनकी अगुवाई में ‘INDIA’ गठबंधन बना वही बीच में पाला बदलकर NDA के पास चले गए। उसके बाद लोकसभा चुनाव में जब पश्चिम बंगाल बंटवारे की बात आई तो ममता बनर्जी ने अकेले ही चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। फिर भी राहुल गांधी यही कहते रहे कि ममता बनर्जी ‘INDIA’ गठबंधन के साथ हैं। यूपी में भी दरार अब खुलकर सामने आ रही है। महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन फेल हुआ तो समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई ने एलान कर दिया कि अब वो महाविकास अघाड़ी के साथ नहीं रहेंगे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि कांग्रेस संसद में संभल मुद्दे को उठा नहीं रही और राहुल गांधी संभल जा रहे हैं। ये सब कर के कांग्रेस क्या जतााना चाह रहे हैं। India alliance

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