Kalkaji Seat : दिल्ली के चर्चित ‘कालकाजी’ विधानसभा क्षेत्र में इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. इस सीट पर वर्तमान मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार आतिशी का मुकाबला कांग्रेस की अलका लांबा और बीजेपी के संभावित उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी से होगा. कालकाजी सीट के पिछले आंकड़े और जातीय समीकरण इस चुनाव को और रोचक बना रहे हैं.
पिछले तीन विधानसभा चुनावों में AAP ने इस सीट पर दो बार जीत दर्ज की है. साल 2020 में आतिशी ने इस सीट से 11,393 वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की थी.
कालकाजी सीट का जातीय और सामाजिक समीकरण
- कुल वोटर्स: 1,64,239
- पुरुष वोटर: 92,022
- महिला वोटर: 72,206
क्या है जातीय समीकरण:
- पंजाबी: 25%
- ओबीसी: 22%
- ब्राह्मण: 10%
- वैश्य: 9%
- एससी: 15%
- मुस्लिम: 6%
इस क्षेत्र में 40% वोटर्स झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, जिनमें AAP की योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या अधिक है. वहीं, पॉश इलाकों जैसे ईस्ट ऑफ कैलाश, सुखदेव विहार और नेहरू एन्क्लेव के वोटर्स भी इस सीट को अहम बनाते हैं.
आतिशी के पक्ष और विपक्ष में फैक्टर्स
आतिशी के पक्ष में:
- पंजाबी वोटर्स (25%) का समर्थन.
- मुख्यमंत्री होने का फायदा.
- झुग्गी-झोपड़ी वाले क्षेत्रों में फ्री योजनाओं का असर.
- महिला उम्मीदवार होने से महिला वोटर्स का झुकाव.
आतिशी के विपक्ष में:
- 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से 12,000 वोटों की बढ़त ली थी.
- नगर निगम चुनाव में बीजेपी का दबदबा.
- कांग्रेस का मुस्लिम और एससी वोट बैंक पर फोकस.
- हैवीवेट उम्मीदवारों का मुकाबला.
कालकाजी सीट का समीकरण इस बार काफी पेचीदा है. आतिशी जहां AAP की फ्री योजनाओं और अपने काम के दम पर वापसी का दावा कर रही हैं, वहीं बीजेपी और कांग्रेस अपने जातीय और सामाजिक समीकरणों को साधने में जुटी हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बार किसे चुनती है.Kalkaji Seat