December 3, 2024

kamika ekadashi : सर्वार्थ सिद्धि एवं ध्रुवयोग में कामिका एकादशी आज

kamika ekadashi

kamika ekadashi : हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है वर्ष में कुल 24 एकादशी आती है । हर माह में दो एकादशी होती है एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में । सभी एकादशियों का अपना अपना अलग अलग महत्व है। श्रावण माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी (kamika ekadashi) के नाम से जाना जाता है । इस वर्ष यह आज बुधवार को है । इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिए। kamika ekadashi

मां शारदा देवीधाम मैहर के प्रख्यात वास्तु एवं ज्योतिर्विद पंडित मोहनलाल द्विवेदी ने बताया कि इस एकादशी में सर्वार्थ सिद्धि योग, ध्रुव योग, शुभ योग इत्यादि अनेक दुर्लभ एवं अति शुभ योग बने है तथा आज मन के कारक ग्रह चंद्रमा का भ्रमण अपनी उच्च राशि वृषभ में है । साथ ही जिस नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ वही रोहणी नक्षत्र आज विद्यमान है । यह भी एक सुखद सुंदर संयोग है ।

पंडित द्विवेदी ने बताया कि एकादशी तिथि (kamika ekadashi) का प्रारंभ मंगलवार को शाम 6:32 बजे से हुआ तथा समापन बुधवार शाम 5:05 बजे होगा ।

व्रत पारण का समय (kamika ekadashi)

एकादशी का व्रत करने वाले व्रती को गुरुवार सुबह 6:00 बजे से 8:36 बजे के मध्य पारण तथा परांत तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय गुरुवार शाम 4:03 बजे है ।

पंडित द्विवेदी बताते है कि एकादशी (Kamika ekadashi) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें, भगवान विष्णु को गंगाजल से अभिषेक करके पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें तथा भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाते हैं भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें तथा भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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