मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि राज्य पुलिस के किसी जवान के शहीद होने की स्थिति में दी जाने वाली एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि को मृतक की पत्नि और माता-पिता को बीच बराबर बांटा जाएगा।
शुक्रवार को एक सरकारी अधिकारी ने मुख्यमंत्री के हवाले से बताया कि “हमने निर्णय लिया है कि अगर राज्य पुलिस जवान शहीद होता है तो दी जाने वाली एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि उसकी पत्नी और माता-पिता के बीच 50:50 के अनुपात में बांटी जाएगी।”
MP :शहीद अशुमान के माता-पिता ने जताई आपत्ति
सीएम के इस निर्णय को शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नि रेखा शर्मा उनके माता-पिता को छोड़कर अपने मायके चले जाने को लेकर लिया है। बता दें कि पत्नि रेखा शर्मा अपने सास-ससुर और सभी ससुरालीजनों को छोड़कर अपने मायके चली गई। इसके बाद शहीद अंशुमान के माता-पिता ने इस बात पर आपत्ति जताई है। वहीं अंशुमान के माता-पिता का कहना था कि हमारे पास हमारे शहीद बेटे की कोई निशानी तक नहीं है। अंशुमान का कीर्ति चक्र तक रेखा अपने साथ लेकर चली गई। सोशल मीडिया पर भी अंशुमान के माता-पिता के कई वीडियो वायरल हो रहे थे। जो एक तरह से विवाद का मुद्दा बना हुआ है। इसके चलते सीएम मोहन यादव ने यह फैसला लिया है।
MP :क्या है NOK
NOK (Next of Kin) का मतलब व्यक्ति के जीवनसाथी, परिवार के सदस्य,निकटतम रिश्तेदार या कानूनी अभिभावक से है। जब कोई शख्स सेना में भर्ती होता है तो उसके माता-पिता या अभिभावकों को NOK के रूप में नामांकित किया जाता है। सेना के नियमों के अनुसार, जब कोई कैडेट या अधिकारी शादी करता है, तो उसके माता-पिता के बजाय उसके जीवन साथी का नाम उसके निकटतम रिश्तेदार के रूप में नामांकित किया जाता है।ड्यूटी के दौरान किसी सैनिक की मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि उसके निकटतम रिश्तेदार को दी जाती है।