Mystery Of Bird Suicide: आपने इंसानों को तो, आत्महत्या करते देखा ही होगा और सुना भी होगा, पर क्या आपने पक्षियों को आत्महत्या करते देखा या सुना है? अगर नही तो, हम आज आपको एक ऐसे गांव के बारें में बताने जा रहें, जहां रात के समय आकाश में उडने वाले पक्षी एक साथ ही आत्महत्या कर लेते है। ये घटना जतिंगा गांव में होती है, और हैरानी की तो यह है कि यह घटना अमावस की रात को होती है साथ ही अगस्त से सितम्बर के महीनें में होती है। इसके पीछे क्या कारण है इसका पता तो अभी तक वैज्ञनिक भी नही लगा सकें। क्या है इसके पीछे का कारण चलिए जानते है। Mystery Of Bird Suicide
क्या है ऐसा अलग जतिंगा गांव में जो कर देता है पक्षी को आत्महत्या करने पर मजबूर
जंतिगा गांव असम के उत्तरी काछार हिल्स जिलें में स्थित है। यहा और भी कई गांव है पर जंतिगा गांव में ही ऐसा क्यों होता है। इसका पता तो कोई भी नहीं लगा पाया है। लेकिन बताया जाता है की इस गांव में 12 सौ अदिवासी परिवार रहते है और वो लकड़ी के खम्बों में लालटेन जला देते है और पक्षी रोशनी देख कर यहा आते है। और तार टकरा कर गिरकर मर जाते है। लोगों का कहना है ये गांव आज के समय में भी दुनिया से पूरी तरह अलग है यहा का रहन- सहन खान-पान पूरी तरह अलग है। Mystery Of Bird Suicide
अमावस की रात और अगस्त से सितम्बर में ही क्या करते है आत्महत्या
अमावस की रात को कली रात मानी जाती है। कहा जाता है। अमावस की रात को ही लोग जादू टोना करते है और इस समय बुरी आत्माए और अधिक शक्तिशाली होती है और वो पक्षियों को अपनी और खीच कर गिरा देती है। और एक साथ कई पक्षी गिर कर मर जाते है और सुबह लोगों को सड़को पर डले मिलते है। इन्हें देखने दुनिया भर से लोग सितम्बर और अगस्त के महीनें में इस पक्षी को देखने आते है। Mystery Of Bird Suicide
आखिर इसी गांव में क्यों
अमावस की रात जंतिगा में ही इन पक्षी की मौत का तांडव शुरू होता है। क्योंकि वहां के लोग बताते है कि इस गांव के 2 किलो मीटर दूर एक और गांव है वहां ऐसा कुछ नहीं होता। रात को समय डर के मारे यहा के लोग या बाहर के लोग कभी अमावस की रात को बाहर नहीं निकलते । Mystery Of Bird Suicide