Pitru Amavasya : पितृ अमावस्या या पितृ विसर्जन अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह दिन पितरों को श्रद्धांजलि देने और उनकी आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है।
क्या है पितृ अमावस्या का महत्व
- पितरों की आत्मा की शांति: इस दिन पितरों को तर्पण और पिंड दान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
- पितृ ऋण से मुक्ति: पितृ अमावस्या पर पितरों को श्रद्धांजलि देने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
- परिवार की सुख-समृद्धि: इस दिन पितरों की पूजा करने से परिवार की सुख-समृद्धि और संपन्नता बढ़ती है।
- आत्मशांति और मोक्ष: पितृ अमावस्या पर पितरों की पूजा करने से आत्मशांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।Pitru Amavasya
पितृ अमावस्या की पूजा विधि
- स्नान और पूजा के लिए जल और सामग्री तैयार करें।
- पितरों के लिए तर्पण और पिंड दान करें।
- पितरों की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं।
- पितरों के नाम पर दान करें और गरीबों की सहायता करें।
- शाम को पितरों के लिए दीपक जलाएं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
यह ध्यान रखें कि पितृ अमावस्या की पूजा विधि और महत्व विभिन्न क्षेत्रों और समाजों में भिन्न हो सकते हैं।Pitru Amavasya
अगर नहीं है पितरों की पुण्यतिथि याद
जो लोगों को अपने पितरों की पुण्यतिथि याद नहीं है वे लोग पितृ अमावस्या पर अपने पितरों को श्राद्ध कर सकते हैं।