Pongal Festival 2025 : पोंगल, साउथ इंडिया में मनाया जाने वाला एक विशेष हिन्दू त्यौहार है।जो तमिलनाडु के साथ ही विश्व के कई हिस्सों में तमिल भाषी लोग इसे मनाते है। सूर्य देव का उत्तरायण होता है जब यह त्यौहार मनाया जाता है, एक हिसाब से इस त्यौहार को तमिलनाडु के लोग नववर्ष के रूप में मनाते है। पोंगल चार दिन तक मनाया जाने पर्व है।Pongal Festival 2025
क्या है पोंगल का अर्थ
पोंगल का असली मतलब उबालना होता है। और इसका दूसरा मतलब नया साल यानी तमिलनाडु में इसे नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। बता दें, चावल और गुड़ को एक साथ उबालकर एक प्रसाद तैयार किया जाता है। इसी प्रसाद को पोंगल कहा जाता है। जो सूर्यदेव को चढ़ाया जाता है।Pongal Festival 2025
कैसे मनाते है पोंगल पर्व ,जानें महत्व और तिथि
पोंगल त्यौहार मूल रुप से खेती से जुड़ा हुआ त्यौहार है। यह त्यौहार सौर पंचाग के मुताबिक तमिल महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है।बता दें, अंग्रेजी महीने की 14 या 15 तारीख को तमिल महीने की पहली तारीख पड़ती है। तो तमिल लोग इसे अपना नववर्ष के रूप में मनाते है। जनवरी के महीने में तमिल में गन्ना और चावल की फसल पक कर तैयार हो जाती है। जिसकी खुशी में प्रकृति को धन्यवाद करने के लिए सूर्य की , गाय बैलों की, इंद्र की पूजा करते है। चावल और गुड़ को उबालकर पोंगल बना कर सूर्यदेव ,इंद्र देव और गाय बैल को इसका भोग लगाते है।Pongal Festival 2025
चार दिन के पोंगल पर्व में क्या- क्या होता है
पोंगल के पहले दिन अच्छी वर्षा और फसल के लिए इंद्रदेव की पूजा की जाती है।
दूसरे दिन सूर्य देव की पूजा कि जाती है। इस दिन सूर्य के प्रकाश में नए बर्तन में चावल और गुड़ का प्रसाद बनाकर सूर्य को अर्पित किया जाता है।
तीसरे दिन को मुट्टू पोंगल कहा जाता है, इस दिन नंदी यानी शिव के बैल की पूजा की जाती है।
चौथे दिन को कन्या पोंगल कहा जाता है। जो कि तमिलनाडु के काली मंदिर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जिसकी एक खासियत यह है कि इस पूजा में केवल औरते ही शामिल होती है।Pongal Festival 2025