Purva Phalguni Nakshatra : वर्षा काल के प्रमुख आठ नक्षत्रों में से छठवें नक्षत्र, पूर्वा फाल्गुनी, में वर्षा का प्रवेश आज 31 अगस्त, शनिवार को प्रातः 7:30 बजे से हो गया है। ज्योतिष मठ संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम के अनुसार, इस नक्षत्र में बारिश मूषक पर सवार होकर आएगी, जो वर्षा के स्वरूप और उसकी तीव्रता पर विशेष प्रभाव डालेगा।
मघा नक्षत्र में बारिश का वर्तमान दौर समाप्त होगा और सूर्य भगवान पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। यह नक्षत्र स्त्री-स्त्री संगज्ञक एवं सूर्य-चंद्र योग का प्रभाव देने वाला है, जिससे प्रारंभ में अच्छी वर्षा होगी। हालांकि, नक्षत्र के अंतिम सात दिनों में बारिश में कमी आएगी। इस नक्षत्र की विशेषता यह है कि इसमें अल्पवृष्टि के योग बन रहे हैं, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में कहीं अधिक तो कहीं कम बारिश होगी।
इस नक्षत्र में बारिश का स्वरूप विचित्र रहेगा, जहां कहीं धूप के साथ बारिश होगी, वहीं कुछ स्थानों पर बिजली गिरने की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में यह स्थिति 13 सितंबर तक बनी रहेगी, इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में वर्षा का प्रवेश होगा।Purva Phalguni Nakshatra
पंचांगकार पंडित विनोद गौतम ने बताया कि इस नक्षत्र के दौरान किसानों और आम नागरिकों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि मौसम में अचानक बदलाव और बिजली गिरने की संभावना अधिक रहेगी।Purva Phalguni Nakshatra