नकली बादल, असली बारिश ,जानिए, दिल्ली में कैसे होगी कृत्रिम वर्षा?

कृत्रिम वर्षा तकनीक:  दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा की तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

बादलों का निर्माण:  विशेष विमानों से बादलों का निर्माण किया जाएगा, जो वर्षा को प्रेरित करेंगे।

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वर्षा की प्रक्रिया:  बादलों में मौजूद जल कणों को विशेष रसायनों के माध्यम से वर्षा के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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प्रदूषण कम करना:  कृत्रिम वर्षा से वायु प्रदूषण कम होगा और हवा स्वच्छ होगी।

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मौसम परिवर्तन:  कृत्रिम वर्षा से मौसम में परिवर्तन होगा और तापमान में कमी आएगी।

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फायदे:  वायु प्रदूषण कम होने, स्वास्थ्य में सुधार, और फसलों को लाभ होगा।

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तकनीकी सहयोग:  दिल्ली सरकार विशेषज्ञों के साथ मिलकर कृत्रिम वर्षा की तकनीक में सुधार कर रही है।

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लागत:  कृत्रिम वर्षा की लागत लगभग 50 लाख रुपये प्रति वर्षा होगी। जगम

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पर्यावरणविदों की राय:  पर्यावरणविद कृत्रिम वर्षा को एक अस्थायी समाधान मानते हैं और दीर्घकालिक समाधानों पर जोर देते हैं।

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