कौन है काल भैरव ,जानें,  रहस्य 

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काल भैरव की उत्पत्ति:  काल भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के तीसरे नेत्र से हुई थी, जब उन्होंने भगवान ब्रह्मा के अहंकार को नष्ट करने के लिए अपना तीसरा नेत्र खोला था।

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काल भैरव की शक्तियाँ:  काल भैरव को समय और मृत्यु के देवता के रूप में पूजा जाता है, और उन्हें जीवन और मृत्यु के चक्र को नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त है।

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काल भैरव की पूजा:  काल भैरव की पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है, और उन्हें मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

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 काल भैरव के मंत्र:  काल भैरव के मंत्रों का जाप करने से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और सुरक्षा प्राप्त होती है।

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काल भैरव के अवतार:  काल भैरव के कई अवतार हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख अवतार हैं - बटुक भैरव, काल भैरव और असितांग भैरव।

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काल भैरव की पूजा स्थल:  काल भैरव की पूजा करने के लिए कई प्रमुख स्थल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख स्थल हैं - काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन का काल भैरव मंदिर और वाराणसी का काल भैरव मंदिर।

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काल भैरव की कथा:  काल भैरव की कथा भगवान शिव के तीसरे नेत्र के खुलने और भगवान ब्रह्मा के अहंकार के नाश से जुड़ी हुई है।

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काल भैरव का महत्व:  काल भैरव का महत्व समय और मृत्यु के देवता के रूप में है, और उन्हें जीवन और मृत्यु के चक्र को नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त है।

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काल भैरव की पूजा के लाभ:  काल भैरव की पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है, और उन्हें मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

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