महिला ने कहा मुझे डबल ब्रेन स्ट्रोक आया था. डॉक्टरों ने मेरे बचने के चांस बिल्कुल ना के बराबर बताए ।और ऐसा कुछ हुआ की सभी को लगा में मर ही गई हूं।
मैं बेहोशी की हालत में थी.मैं उनसे बात करने की कोशिश कर रही थी. मैं अपने बच्चों को उनके दादा-दादी द्वारा अस्पताल ले जाते हुए भी देख सकती थी. मैं अपने पति को रोते हुए देख सकती थी.
मेरे पैरों के नीचे घास थी. जिसे मैं महसूस कर सकती थी. यहां रहने वाला हर शख्स काफी खुश नजर आ रहे थे
इन्हें देखकर समझ आ रहा था कि ये सभी वो लोग हैं, जिन्होंने अपने जीवन में अच्छे कर्म किए है.
इसके बाद स्वर्गदूत ने ुृमुझ से कहा कि मैं या तो यही रह जाऊं या वापस अपने शरीर में चली जाऊ और मैनें आंखें बंद की और शरीर में वापिस आ गई ।