Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के लिए विदेशों से भी भक्त पहुंच रहे हैं। इस धार्मिक आस्था के भव्य मेले में साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरु हो गया है। जिसमें आपको अद्भुत साधु-संत देखने को मिलेंगे। जिसमें ज्यादातर साधुओं के सिर पर लंबी जटा या लंबे बाल होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि साधु अपने सिर पर लंबे बाल या लंबी जटा क्यों रखते हैं? और इसका महत्व क्या है?Mahakumbh 2025
धार्मिक महत्व
साधुओं के लंबे बाल रखने का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों और धर्मशास्त्रों में मिलता है। हिंदू धर्म में लंबे बालों को आध्यात्मिक ऊर्जा और तपस्या का प्रतीक माना गया है। माना जाता है कि बालों में ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रवाह होता है।Mahakumbh 2025
शिव भक्तों के लिए भगवान शिव के जटाजूट यानि लंबी जटाओं का अनुसरण करना धार्मिक आस्था की ओर इशारा करता है। शिव की तरह साधु भी अपने बालों को जटाओं में रखते हैं। जो उनकी तपस्या और त्याग का प्रतीक माना जाता है।
भभूत करते हैं जटाओं को साफ
धार्मिक मान्यताएं हैं कि शिव भक्त मोह माय से दूर रहते हैं। यह सांसारिक चीजों से बचते हैं। वहीं यह अपनी जटाओं को धोने के लिए किसी तरह के साबुन, सैम्पू या अन्य किसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करते, माना जाता है कि यह अपनी जटाओं को साफ करने के लिए भभूत का इस्तेमाल करते हैं।Mahakumbh 2025
आध्यात्मिक लाभ
आध्यात्मिक दृष्टि से लंबे बाल रखने से साधु अपनी ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं। यह माना जाता है कि लंबे बाल शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखते हैं। साधु बाल काटने से बचते हैं क्योंकि वे इसे प्रकृति का अंग मानते हैं।Mahakumbh 2025
साधु लंबे बाल रखकर प्रकृति के प्रति अपने समर्पण और साधारण जीवन को दर्शाते हैं। साथ ही ज्यादातर साधु-संत तपस्या में लीन होते हैं। वह सांसारिक चीजों का त्याग कर देते हैं। लंबे बाल रखने का रहस्य उनके ध्यान, तपस्या, और आध्यात्मिकता में गहराई से जुड़ा हुआ है। यह उनकी पहचान और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। साथ ही साधु प्राकृतिक जीवन जीने में विश्वास रखते हैं, इसलिए वे अपने बालों को बिना काटे छोड़ देते हैं।Mahakumbh 2025