September 8, 2024

Chanderi sadi : कैसे से बनी चंदेरी साड़ी…साड़ियों की रानी

Chanderi sadi

आखिर क्यों बनी चंदेरी साड़ी साडियों की रानी

Chanderi sadi : भारत एक ऐसा देश है, जहां कई प्रकार की परम्परा,कला,संस्कृति पाई जाती है। सबका रहन-सहन खान-पान वेश-भूषा अलग-अलग है लेकिन साड़ियों की बात करें तो, हिन्दुस्तान में हर महिला का परम्परागत पसंदीदा परिधान साड़ी है, आज हम आपको एक ऐसी साड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे साड़ियों की रानी कहा जाता है। Chanderi sadi

Chanderi sadi चंदेरी साड़ी का इतिहास
जी हां, हम बात कर रहे हैं चंदेरी साड़ी के बारे में, जो भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फेमस है। चंदेरी साड़ी का इतिहास श्री कृष्ण के समय का है चंदेरी के राजा शिशुपाल ने चंदेरी साड़ी की खोज की थी। वे खुद भी चंदेरी साड़ी से बने वस्त्र पहनते थे। पुराणों में भी शिशुपाल और चंदेरी का जिक्र है बताया जाता है, शिशुपाल श्रीकृष्ण की बुआ के बेटे थे। Chanderi sadi

Chanderi sadi क्यों कहा जाता है चंदेरी साड़ी को साड़ियों की रानी क्या है खासियत ?

चंदेरी साड़ी की पहली खासियत है कि इसे बनाने में लगभग 1 से 2 महीने का समय लगता है। पहले बुनाई होती है और बुनाई के साथ कसीदाकारी की जाती है। इसके बाद साड़ी को डाई किया जाता है। चंदेरी साड़ी की एक खासियत ये भी है। ये साड़ी कई विरोधी रंगों से मिलकर बनती है। जैसे काले के साथ नारंगी, नीले के साथ काला, गुलाबी के साथ लाल रंग, बेज, क्रीम, आइवरी कलर की भी साड़ी बनती है। Chanderi sadi

चंदेरी सिल्क बाकी सिल्क साड़ियों से बिलकुल ही अलग होती है। ये ट्रांसपेरेंट होने के साथ ही बहुत हल्की और मुलायम होती है। अगर आप चंदेरी सिल्क साड़ी में असली और नकली चंदेरी सिल्क का पता लगाना चाहते हैं, तो इसे अपने गालों पर रगड़ने से आप इसका पता लगा सकते हैं। क्योंकि चंदेरी सिल्क साड़ी बहुत ही मुलायम होती है। Chanderi sadi

Chanderi sadi ये डिजाइन है फेमस
अगर हम चंदेरी साड़ी की कीमत की बात करें तो ये 1,000 से लेकर लाखों में बिकाती है। अगर आप चंदेरी साड़ी खरीदना चाहते हैं। तो इसे आसानी से मार्केट से खरीद सकते हैं। चंदेरी साड़ी के जानकर और शौकीन ज्यादातर सिक्का डिजाइन की चंदेरी साड़ी खरीदना पसंद करते हैं। ये डिजाइन विदेशियों के बीच भी काफी पसंद की जाती है। Chanderi sadi

Chanderi sadi मिला है जीआई टैग
चंदेरी साड़ी और फैब्रिक को 2005 में भारत के चौथे जीआई टैग उत्पाद के रूप में भौगोलिक संकेत (जीआई) से सम्मानित किया गया है। Chanderi sadi

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