December 26, 2024

Chaturmas 2024: अब 4 माह तक भगवान शिव संभालेंगे सृष्टि का कार्यभार

chaturmas 2024

chaturmas 2024: बुधवार को मनाई गई देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास की शुरुआत हो गई। सनातन मान्यता अनुसार देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करेंगे। ऐसे में सृष्टि का कार्यभार भगवान भोलेनाथ संभालेंगे। इन चार महीनों में अनेक तीज त्योहार आएंगे। देवशयनी एकादशी के मौके पर बुधवार को शहर के मंदिरों में भगवान के शयन की लीलाएं होगी। चातुर्मास का धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। chaturmas 2024

chaturmas 2024 पहला चरण सावन
गुरु पूर्णिमा के साथ सावन माह की शुरूआत होगी। शिवालयों में भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर विराजमान रहकर प्रकृति का आनंद लेते हैं। नागपंचमी, रक्षाबंधन सहित अन्य पर्व आते हैं।

देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास (chaturmas 2024) के दौरान साधना और आराधना का विशेष महत्व है। इस दौरान दंडी, साधु, संत, सन्यासी चातुर्मास व्रत का पालन करते हैं। यह चार माह साधना और आराधना के लिए विशेष शुभ माने गए हैं। इस दौरान गृहस्थों को भी संयमित जीवनशैली, सात्विक खान पान अपनाना चाहिए। इस दौरान सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश होता है, इसके कारण दक्षिणायन प्रारंभ हो जाता है। ऐसे में सूर्य का प्रकाश कम होने लगता है और दिन छोटे होने लगते हैं।

chaturmas 2024 दूसरा चरण भादो
भाद्रपद माह में राधाकृष्ण की आराधना होती है। राधाकृष्ण मंदिरों में हिंडोला उत्सव के आयोजन होते हैं। इस दौरान कृष्ण जन्माष्टमी के साथ गणेश उत्सव भी होता है।

chaturmas 2024 तीसरा चरण अश्विनी

अश्विनी माह में पहला पखवाड़ा पितरों के लिए समर्पित होता है। इसके बाद शारदीय नवरात्र में मां आदिशक्ति की आराधना होती है। इसके अलावा इस माह दशहरा पर्व भी मनाया जाता है।

chaturmas 2024 चातुर्मास का वैज्ञानिक महत्त्व
वर्षाकाल के ये चार महीने महत्त्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में खानपान और रहन सहन पर ध्यान देना चाहिए। इस समय पानी दूषित होता है। इसके कारण पाचन तंत्र पर असर पड़ता है। जप, तप, साधना के लिए यह चातुर्मास काफी महत्वपूर्ण माना गया है। वर्षाकाल के दौरान कई तरह के जीव जंतुओं की संख्या बढ़ जाती है साथ ही वनस्पति भी उगती है। इनकी सुरक्षा हो इसके लिए साधु संत एक ही स्थान पर चार महीने तक रहकर साधना करते हैं।

chaturmas 2024 चातुर्मास के चार चरण

चौथा चरण
कार्तिक माह में चौथा चरण होता है। इसमें धनतेरस, दिवाली आदि पर्व आते हैं। इसी माह देवउठनी एकादशी भी रहती है। भगवान शिव सत्ता की बागडोर वापस भगवान विष्णु को सौंपते हैं।

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