Chhindwara Diwali 2024 : दिवाली की रात में मां लक्ष्मी की पूजा के बाद हर तरफ पटाखों का शोर शराबा होता है, लेकिन छिंदवाड़ा में हर घर में गायों को चराने वाले अहीर ढोल नगाड़ों के साथ गायों को न्यौता देने पहुंचते हैं. आखिर गायों को निमंत्रण क्यों दिया जाता है.आइए हम आपको बताते हैं कि क्या है यह परंपरा.Chhindwara Diwali 2024
छिंदवाड़ा में दिवाली सिर्फ इंसानों के लिए ही खास त्यौहार नहीं है, बल्कि यह गायों के लिए भी खास होता है.क्योंकि दिवाली के दूसरे दिन को गाय खेलना का दिन कहा जाता है, इसके लिए दिवाली की रात को ही अहीर तबेला या गौशाला में ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचते हैं और गायों को दूसरे दिन के लिए निमंत्रण देते हैं.इसे गाय जगाना भी कहा जाता हैं. इस दौरान अहीर गायों को परंपरा के अनुसार देशी भजन गाकर और नाचकर न्योता देते हैं.Chhindwara Diwali 2024
दिवाली के दूसरे दिन गायों को किसान नहला धुलाकर रंग-बिरंगे पोशाक या फिर कलर लगाकर तैयार करते हैं.इस दिन गायों के लिए घर में खिचड़ी से लेकर कई तरह के पकवान बनाकर उनकी पूजा की जाती है.इसके बाद गांव के एक बड़े मैदान में गायों को इकट्ठा किया जाता है, जहां पर अहीर बछड़ों के साथ गायों को खेल खिलाते हैं…इसे क्षेत्रीय लोग गाय खेलना कहते हैं…छिंदवाड़ा सहित आसपास के कई जिलों में यह परंपरा देखने मिलती है।Chhindwara Diwali 2024