Gas Tragedy Bhopal : 40 साल पहले आज के ही दिन 3 दिसंबर को भारत के इतिहास की वो काली रात थी। जब चैन की नींद सो रहे कई लोगों की एक पल में ही दुनिया उजड़ गई। चारो तरफ मौत का मंजर मड़रा रहा था । भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड प्लांट में 3 दिसंबर 1984 को आधी रात में मिथाइल आइसोनेट (एमआईसी) के रिसाव के कारण तत्काल 2660 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा आसपास के इलाकों में दस हजार से ज्यादा लोग शारीरिक रूप से विकलांग हो गए। पांच लाख लोग एमआईसी के रिसाव से प्रभावित हुए।और आज भी इस गैस त्रासदी का असर लोगों के में दिखता है उस दिन के बारे में ही सोचकर लोगों की रुह दहल उठती है।Gas Tragedy Bhopal
पर क्या आपको पता है कैसे हुई थी भोपाल गैस कांड की घटना?
क्या राजीव गांधी ने यूनियन कार्बाइड के सीईओ वॉरेन एंडरसन को भारत से भागने में मदद की थी ?
आज हम इन सवालों के साथ ही उस काली रात और काले दिन की कहानी बताने जा रहे हैं।
भोपाल की उस काली मनहूस रात की बात करे तो जब लोग चैन की नीदं सो रहे थे। तब अचानक मौत ने भोपाल में दस्तक दी थी।नियन कार्बाइड का यह कारखाना कीटनाशकों के उत्पादन के लिए मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) नामक रसायन का इस्तेमाल करता था। सुरक्षा मानकों की अनदेखी और रखरखाव में लापरवाही के चलते टैंक से बड़ी मात्रा में MIC गैस का रिसाव हो गया। यह जहरीली गैस धीरे -धीरे कर के हवा में घुल कर लोगो के अंदर जाने लगी और देखते ही लाशों का ढेर लग गया । लोग चीख रहे थे,चिला रहे थे । सड़को पर लोग ऐसे गिर रहे थे जैसे ताश के पत्ते उस दिन कई लोगों ने अपने लोगों को खोया।Gas Tragedy Bhopal
कई लोगों को को हुई गंभीर बीमारिया
इस गैस कांड के बाद जो लोग बच गए थे। उनमें से ये कई लोग थे जिनके गैस की वजह से फेफडे खराब हो गए थे। किसी की किडनी खराब हो गई और कई बीमारियों का लोगों को इस घटना के बाद सामना करना पड़ा इस घटना के बाद कई सालों तक मौत का सिलसिला चलता रहा ।30 साल की रिसर्च के बाद 2023 में भोपाल गैस त्रासदी को लेकर एक अध्ययन में बताया गया की कई गर्भवती औरतों की कोख कब्र में तबदील हो गई थी। और जो बच्चे बच गए थे उन्हें कोई न कोई गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया था।Gas Tragedy Bhopal
राजीव गांधी पर लगे आरोप पर क्या बोले थे एमपी सीएम अर्जुन
2010 में एक बार जब इस त्रासदी को लेकर बहस चल रही थी तो राजीव गांधी पर यह आरोप लगाया गया की राजीव गांधी ने यूनियन कार्बाइड के सीईओ वॉरेन एंडरसन को भारत से भागने में मदद की। लेकिन उसी बीच मध्यप्रदेश के सीएम अर्जुन ने उन पर लगाए जा रहे आरोप गलत बताए थे उन्होंने कहा ,की राजीव गांधी ने सीईओ वॉरेन एंडरसन को लेकर कुछ भी नहीं कहा था। साथ ही उन्होंने भावुक होकर कहा की मैं इस घटना के बाद अपना पद छोड़ने के लिय तैयार था। मैं इस्तीफा देने चाहता था। पर राजीव गांधी ने मेरा इस्तीफा लेने से इंकार किया था ।Gas Tragedy Bhopal