Mahakaleshwar Jyotirlinga : उज्जैन के महाकाल तो सारी दुनिया में फेमस है। अलग -अलग जगहों से लोग इनके दर्शन करने के लिए आते है।यहा वैसे तो कई रहस्य छुपे पर आज हम आपको कुछ उज्जैन के बारे में कुछ अहम बातें बताने जा रहें जो उज्जैन की भस्म आरती से जुड़ी है।
भस्म आरती से जुड़ी अहम बातें
धार्मिक मान्यता है कि उज्जैन में भगवान शिव ने दूषण के भस्म से अपना श्रृंगार किया था। इसलिए वर्तमान में भी महादेव का भस्म से श्रृंगार किया जाता है।
भगवान महाकाल की सुबह 4 बजे भस्म आरती होती है। सूती कपड़े में भस्म को बांध लिया जाता है। फिर उसे शिवलिंग पर बिखेरते हुए आरती की जाती है।
भस्म आरती के दौरान महिलाओं को घूंघट करना पड़ता है। साथ ही पुजारी भी एक धोती धारण कर आरती करते हैं।Mahakaleshwar Jyotirlinga
धार्मिक मान्यता है कि भस्म आरती के वक्त भगवान महकाल निराकार स्वरूप में होते हैं। इसलिए आरती में महिलाओं को घूंघट करना पड़ता है।
वर्षों पहले महाकाल की आरती के लिए श्मशान से भस्म लाने की परंपरा थी लेकिन पिछले कुछ सालों से अब कपिला गाय के गोबर से बने कंडे, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास और बेर की लकड़ियों को जलाकर तैयार किए गए भस्म का इस्तेमाल किया जाने लगा है
मान्यता है कि ज्योतिर्लिंग पर चढ़े भस्म को प्रसाद रूप में ग्रहण करने से रोग दोष से भी मुक्ति मिलती है Mahakaleshwar Jyotirlinga