Madhya Pradesh: बांग्लादेश में बीते दिनों से हो रहे हो उपद्रव और हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचारों से पूरी दुनिया वाकिफ है। लेकिन कहीं से कोई विरोध की आवाज नहीं सुनाई दे रही है। सारी दुनिया इसे किसी देश का आंतरिक मामला समझकर मौन है। वहाँ के हिंदू मदद की गुहार लगा रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदू समाज पर अत्याचार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बहन, बेटियों और मंदिरों के साथ संत समाज को भी निशाना बनाया जा रहा है। कट्टरपंथियों को बांग्लादेश की सरकार और सुना का भी संरक्षण प्राप्त है और जब रक्षक ही भक्षकों के साथ हैं तो बेचारी बांग्लादेशी हिंदू जनता क्या करें कहाँ जाय।
लेकिन भारत का हिंदू समाज बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और इन उपद्रवों को लेकर बहुत आक्रोशित है, व्यथित है और अपनी संवेदनाओं के साथ उनके साथ है।
वहीं देश में कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इस पर मौन साधे हुए हैं। विपक्ष के कई नेता हिंदू समाज के इस तरह के प्रदर्शन और विरोध को अनुचित बता रहे हैं। वहीं संघ के माध्यम से सकल हिंदू समाज एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन के लिए मैदान में उतरने को तैयार है। Madhya Pradesh
विपक्ष का तर्क है कि इस तरह के प्रदर्शन से कुछ नहीं होने वाला है संघ को और हिंदू समाज को प्रधानमंत्री से बात करनी चाहिए ताकि केंद्र सरकार बांग्लादेश सरकार पर कार्यवाही करने के लिए दबाव डालें। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस बात पर मौन हैं कि उन्हें अपने मुस्लिम वोट बैंक की चिंता है। लेकिन यहाँ मुद्दा मानवता का भी है कम से कम उन्हें मानव अधिकारों के हनन के खिलाफ तो खड़े ही होना चाहिए। खैर यह कोई नई बात नहीं है जब विपक्ष अपनी जिम्मेदारियों पर मौन है। लेकिन हिंदू समाज हमेशा अत्याचारों के खिलाफ खड़ा रहा है और आगे भी खड़ा रहेगा। इसी उद्देश्य से संघ का साथ लेकर सकल हिंदू समाज ने 4 दिसंबर को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, गुना, पचमढ़ी समेत मध्य प्रदेश के अन्य कई जगहों पर रैली, धरना, पैदल यात्रा, जुलूस निकाले और ज्ञापन सौंप कर विराट प्रदर्शन कर विरोध जताया। प्रदर्शन में कई हिंदू संगठन, सामाजिक संगठन विश्व हिंदू परिषद, बजरंगदल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित कई समाज के जिलाध्यक्ष, पदाधिकारी और सदस्यों के साथ आम जनता ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से भी जरूरी कार्रवाई का आह्वान किया गया।
विरोध-प्रदर्शन के दौरान भगवा ध्वज लहराकर हिंदू एकता का आह्वान किया गया। भारत के महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी दिया गया। ये प्रदर्शन जितना विराट था उतना ही अनुशासित भी। यहाँ हिंदू समाज ने अपने आक्रोश को बहुत ही सभ्य, शालीन, उदार, और मर्यादित अंदाज में प्रस्तुत किया। इससे और कुछ हो ना हो लेकिन बांग्लादेश के हिंदुओं का आत्मबल तो तो मजबूत होगा ही साथ ही उन्हें संबल भी मिलेगा इन मुश्किल परिस्थितियों से लड़ने का। यदि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इस तरह का विरोध प्रदर्शन होता है तो इसकी गूँज संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सुनाई देगी। Madhya Pradesh