MahaKumbh 2025 :महाकुंभ भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जहां साधु-संतों का जमावड़ा लगता है। नागा साधु, जिनमें महिलाएं भी शामिल होती हैं, इस आयोजन का अहम हिस्सा होती हैं। महिला नागा साधुओं के जीवन और उनकी साधना से जुड़े कई सवाल आम लोगों के मन में उठते हैं। खासकर यह सवाल कि वे मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान महाकुंभ में स्नान और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का पालन कैसे करती हैं।MahaKumbh 2025
महिला नागा साधु जीवन का कठोर अनुशासन
महिला नागा साधु बनने के लिए साध्वी को कठोर तपस्या और नियमों का पालन करना होता है। नागा साधु बनने के बाद वे सांसारिक बंधनों और शारीरिक समस्याओं से ऊपर उठने की कोशिश करती हैं। हालांकि, मासिक धर्म जैसे शारीरिक चक्र को वे प्राकृतिक प्रक्रिया मानती हैं और इसका सामना एक सामान्य घटना की तरह करती हैं।MahaKumbh 2025
मासिक धर्म और स्नान के नियम
महाकुंभ जैसे आयोजनों में, महिला नागा साधुओं के लिए मासिक धर्म के दौरान स्नान और अन्य अनुष्ठानों का पालन करने के लिए अलग नियम होते है।महाकुंभ में मासिक धर्म के आने के समय महिला नागा साधु क्या करती है, ये सवाल हर किसी के मन में आता है। वो महाकुंभ में स्नान कर सकती है या नहीं तो उत्तर है नहीं वो महाकुंभ में अपने पीरियड्स के दौरान गंगा स्नान नहीं करती। वो गंगा जल से आचमन कर अपने अपने ऊपर गंगा जल के छीटें छिड़कती है। इस स्रान जैसा ही माना जाता ऐसा करने से महिला नागा साधु स्नान जितना ही शुद्ध हो जाती हैं।नागा साधु स्वच्छता और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं। मासिक धर्म के दौरान महिला साध्वी अपने शरीर की शुद्धता का विशेष ध्यान रखती हैं।MahaKumbh 2025