November 21, 2024

New Justice Statue : न्याय की देवी की मूर्ति की आंखों से हटी पट्टी,​जानिए कौन हैं ‘लेडी ऑफ जस्टिस’

New Justice Statue

New Justice Statue : सुप्रीम कोर्ट में ‘लेडी ऑफ जस्टिस’ यानी न्याय की देवी की नई मूर्ति लगाई गई है। इस मूर्ति की आंखों से पट्‌टी हटा दी गई है, जो अब तक कानून के अंधे होने का संकेत देती थी। वहीं, उसके हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब दी गई है। यह मूर्ति सुप्रीम कोर्ट के जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है।New Justice Statue

इस नई मूर्ति को CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑर्डर देकर बनवाया है। इसका उद्देश्य यह संदेश देना है कि देश में कानून अंधा नहीं है और यह सजा का प्रतीक नहीं है। पुरानी मूर्ति की आंख पर पट्‌टी ये दर्शाती थी कि कानून की नजर में सब बराबर हैं, जबकि तलवार अथॉरिटी और अन्याय को सजा देने की शक्ति का प्रतीक थी।

इस मूर्ति को ब्रिटिश शासन की विरासत को पीछे छोड़ने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में भारत सरकार ने ब्रिटिश शासन के समय से लागू इंडियन पीनल कोड (IPC) कानून की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) कानून लागू किया था। लेडी ऑफ जस्टिस की मूर्ति में बदलाव करना भी इसी कड़ी के तहत उठाया कदम माना जा सकता है।

लेडी ऑफ जस्टिस रोमन माइथोलॉजी की न्याय की देवी ‘जस्टीशिया’ हैं। रोम के सम्राट ऑगस्टस न्याय को प्रमुख गुणों में से एक मानते थे। उनके बाद सम्राट टिबेरियस ने रोम में जस्टीशिया का एक मंदिर बनवाया था। जस्टीशिया न्याय के उस गुण का प्रतीक बन गई, जिसके साथ हर सम्राट अपने शासन को जोड़ना चाहता था।New Justice Statue

सम्राट वेस्पासियन ने उनकी छवि के साथ सिक्के बनाए, जहां वह एक सिंहासन पर बैठी थीं जिसे ‘जस्टीशिया ऑगस्टा’ कहा जाता था। उनके बाद कई सम्राटों ने खुद को न्याय का संरक्षक घोषित करने के लिए इस देवी की छवि का उपयोग किया। दुनिया के कई देशों में न्याय की देवी की यह मूर्ति कोर्ट्स, कानूनी ऑफिस और शैक्षिक संस्थानों में देखी जा सकती है। हालांकि अब यह मूर्ति भारत में दिखाई नहीं देगी।New Justice Statue

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