sawan somwar 2024 : उज्जैन 29 जुलाई 2024/ श्रावण माह के दूसरे सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी के गौरवशाली इतिहास में नया अध्याय जुड़ा। सवारी में पहली बार पुलिस ब्रॉस बैंड के 350 जवानों की सुमधुर प्रस्तुति ने सवारी के उत्साह, उमंग और आकर्षण को और अधिक बढ़ाया। सवारी मार्ग से लेकर शिप्रा तट के पावन रामघाट पर बाबा महाकाल की सवारी के पूजन के दौरान पुलिस बैंड द्वारा विशेष प्रस्तुतियां दी गई जिसमें एक से बढ़कर एक धार्मिक धुनों की प्रस्तुति से श्रद्धालु झूम उठें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाबा महाकाल की सवारी में अद्भुत प्रस्तुति देने के लिए पुलिस बैंड को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
sawan somwar 2024 ::श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर रूप में तथा हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने और अपनी प्रजा का कुशल-मंगल जानने नगर भ्रमण पर निकले। सवारी के निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने सपत्नीक भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती की। पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोड़शोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। मंत्री श्री पटेल ने मन्दिर से चलकर रामघाट पर पालकी का पूजन भी किया।
जनजातीय कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां
sawan somwar 2024 : बाबा महाकाल की दूसरी सवारी में छिंदवाड़ा और डिंडोरी जिले के जनजाति कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। छिंदवाड़ा से आए कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा कुर्ता,धोती और पगड़ी पहनकर पिंकी, ढोल आदि वाद्ययंत्रों पर भड़म नृत्य की आकषर्क प्रस्तुतियां दीं। वहीं डिंडोरी जिले के जनजातीय कलाकारों ने थिसकी, बासुरी, मादर, टिमकी आदि वाद्य यंत्रों पर कर्मा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां ने सवारी में समां बांधा। कर्मा नृत्य में पुरुषों ने हवाल, छीनन्द्री,झंगा ,जैकेट कलगी और महिलाओ ने मुंगी, फरिया, बिरंन माला, करदन, टिसकी पहनी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारियों में प्रदेश के विभिन्न जनजातीय जिलों के जनजातीय कलाकारों का समूह शामिल हो रहा हैं।
रामघाट पर हुआ भगवान महाकाल का जलाभिषेक
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मंदिर से प्रस्थान कर जैसे ही रामघाट पहुँची, चारों ओर श्रद्धा और उल्लास का वातावरण छा गया। श्रावण में अपने सौन्दर्य की छटा बिखेरते हुए स्वयं प्रकृति भगवान श्री महाकाल का स्वागत करने के लिए आतुर थी। भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन और जलाभिषेक पुजारी श्री आशीष गुरु आदि द्वारा किया गया। भगवान महाकालेश्वर चंद्रमोलेश्वर के स्वरुप में अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए शिप्रा तट पर पहुँचे। इसके पश्चात मां शिप्रा नदी के जल से भगवान का जलाभिषेक किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने रामघाट पर भगवान का जलाभिषेक किया। पूजन के पश्चात पुरोहितों द्वारा रुद्रपाठ किया गया।
दत्त अखाड़ा पर पारंपरिक नादब्रह्म की प्रस्तुति
श्रावण सोमवार सवारी के अंतर्गत दत्त अखाड़ा पर पारंपरिक नादब्रह्म की प्रस्तुति दी गई। माधव संगीत महाविद्यालय के आचार्यों के मार्गदर्शन में महाविद्यालय के शिष्यों द्वारा विभिन्न रागों पर आधारित शिव भजनों की प्रस्तुति दी गई प्रस्तुति का प्रारंभ किया गया। जय महेश जटा जूट ,दरसन देवो शंकर महादेव ,ओम नमः शिवाय शिव धुनों ने श्रोताओं का मन मोहा।
सवारी मार्ग की प्रमुख झलकियां
सवारी मार्ग पर जगह-जगह आकर्षक रंगोली बनाकर बाबा महाकाल की सवारी का स्वागत किया गया।
-सवारी मार्ग पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल पर पुष्पवर्षा कर दर्शन लाभ लिये, सवारी मार्ग पर चहुंओर दर्शन के लिये भारी संख्या में जन-समूह उपस्थित रहा।
– कई भक्तों ने आकर्षक स्वरूप धारण कर सवारी को शोभायमान किया।
-विशाल ध्वज के साथ बाबा श्री महाकाल की पालकी निकाली गई।