धर्म/अध्यात्म

2025 सावित्री व्रत :क्यों रखा जाता है वट सावित्री का व्रत, कब है ?

भोपाल।भारत में कई त्यौहार और व्रत, उपवास किए जाते हैं.. हर व्रत का अपना एक अलग महत्व और पौराणिक कथा होती है।ऐसी ही वटवृक्ष यानी वट सावित्री व्रत के पीछे भी एक पौराणिक कथा है। जो इस व्रत को और भी खास बनाती है।पौराणिक कथा के अनुसार,सावित्री नाम की एक पतिव्रता स्त्री थी।जो यमराज से अपने पति के प्राण वापस लेकर आईं थी।यमराज सावित्री का पतिव्रत धर्म देख बहुत प्रसन्न हुए थे और उन्होंने बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री के पति सत्यवान को जीवित कर दिया था।

तभी से सुहागन महिलाएं इस व्रत को अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखती हैं.कहा जाता है जो महिला यह व्रत रखती है वो अपने पति को हर प्रकार के संकट से बचाती है।इस व्रत में बरगद के वृक्ष का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन महिलाएं बरगद के वृक्ष की पूजा करती है।पुराणों के अनुसार,वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु , महेश तीनों का वास माना जाता है। वैदिक धर्म के साथ -साथ जैन तथा बौद्ध में भी बरगद का विशेष महत्व माना जाता है। कहा जाता है,वट सावित्री के दिन बरगद के108 बार परिक्रमा देने हर मनोकामना पूर्ण होती है।

कब है वट सावित्री व्रत

इस बार 2025 में वट सावित्री व्रत सोमवार के दिन 26 मई को रखा जाएगा।इस दिन विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।

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