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सेहत : बारिश में डायरिया की अधिक संभावनाएं, जानें इससे बचने के उपाय

भोपाल।मई जून में मानसून के आते ही बीमारिया भी अपने पैर पसारने लगती है। बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा अगर कोई बीमारी लोगों को अपना निशाना बनाती है तो वो है डायरियाँ, बारिश के दिनों में बच्चों से लेकर बड़े लोग भी इसके शिकार हो जाते हैं। बारिश में क्यों सबसे अधिक डायरियाँ का खतरा मंडराता है, इसके लक्षण और बचने के उपाय जानेंगे, सीनियर फिजीशियन एवं लाइफस्टाइल कंसल्टेंट डॉ. वी. एस. श्रीवास्तव, M.D.के द्वारा।

डायरिया क्या है?
डायरिया एक सामान्य पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को दिन में तीन या उससे अधिक बार पतले या पानी जैसे दस्त होते हैं। यह संक्रमण, फूड पॉइज़निंग, खराब जीवनशैली या कुछ दवाओं के कारण हो सकता है।
कारण

बारिश में डायरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जैसे दूषित पानी, खराब स्वच्छता और बैक्टीरिया से संक्रमित भोजन। डायरिया से बचाव के लिए कुछ उपाय दिए गए हैं, जैसे साफ पानी पीना, भोजन को अच्छी तरह पकाना, अपने हाथों को नियमित रूप से धोना और साफ-सफाई का ध्यान रखना

लक्षण:

बार-बार पानी जैसे दस्त

पेट में मरोड़ या दर्द

कमजोरी और चक्कर

कभी-कभी बुखार या उल्टी

डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी)

सावधानियां और सलाह:

पानी की कमी से बचें: अधिक से अधिक उबला हुआ पानी, ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), नींबू पानी या नारियल पानी लें।

भोजन पर ध्यान दें: हल्का, सुपाच्य भोजन लें – जैसे खिचड़ी, दाल का पानी, केला, टोस्ट आदि।

दूध और तैलीय भोजन से परहेज़ करें।

साफ-सफाई का ध्यान रखें: हाथ धोना बहुत ज़रूरी है – विशेषकर खाने से पहले और टॉयलेट के बाद।

यदि दस्त 2-3 दिन से अधिक चलें, बुखार हो या दस्त में खून आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डायरिया को हल्के में न लें
“डायरिया को हल्के में न लें। सही समय पर देखभाल और इलाज से आप जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत रखें।”

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