आईटीआई में हुई Architect के देवता की पूजा, जानिए किसने किया द्वारिका का निर्माण

भोपाल। आज बुधवार सुबह विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर गोविंदपुरा आईटीआई में छात्रों ने भगवान विश्वकर्मा की आरती की और मशीनों की पूजा की। इस दौरान संस्थान में श्रद्धा और उत्साह का माहौल देखने को मिला। विश्वकर्मा जयंती पर तकनीकी संस्थानों में मशीनों की पूजा की परंपरा निभाई जाती है, जिसे छात्रों ने पूरे श्रद्धा भाव से निभाया।
भगवान विश्वकर्मा का जन्म
विश्वकर्मा जयंती आज 17 सितंबर को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विश्वकर्मा को समर्पित होता है, जो हिंदू धर्म में सृजन के देवता (Engineer और Architect के देवता माने जाते हैं। इस दिन का महत्व और इसे मनाने के कारण नीचे दिए गए हैं:
मान्यता है कि 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मा का पुत्र और वास्तुशास्त्र, यंत्र-तंत्र और निर्माण कार्यों के अधिष्ठाता देवता माना जाता है। उन्होंने ही स्वर्गलोक, द्वारका (कृष्ण की नगरी), पुष्पक विमान, इंद्रपुरी, और पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ, स्वर्ग के महल, द्वारिका जैसे अद्भुत निर्माण किए थे।
मशीनों की पूजा
यह दिन खासकर इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट्स, मशीन ऑपरेटर, कारखाना मजदूर, कारीगर, तकनीकी छात्र, और अन्य निर्माण कार्य से जुड़े लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन वे अपनी मशीनों, औजारों, उपकरणों और कार्यस्थलों की पूजा करते हैं ताकि काम में कोई बाधा न आए और समृद्धि बनी रहे।
यह एकमात्र ऐसा पर्व है जब मशीनों और औद्योगिक उपकरणों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे दुर्घटनाओं में कमी आती है और कार्य में सफलता मिलती है।



