Green Bangles : सावन में हरी चूड़ियां क्यों पहनती हैं महिलाएं ?
सावन में क्यों पहनती है महिलाएं हरी कांच की चूड़ियां ? चलिए जानते हैं।

भोपाल। आज से सावन का महीना शुरु हो गया है। सावन के शुरु होते ही हर महिलाओं के श्रृंगार में भी सावन का नया रंग देखने मिलता है।सावन के महीने सुहागिन महिलाएं कांच की हरे रंग की चूडियां पहनती है। इसके पीछे कई सारे कारण है। सावन के महीने में कांच की हरी चूड़ियाँ पहनने की परंपरा भारतीय संस्कृति और विशेषकर हिंदू धर्म में काफी पुरानी है। इसके पीछे धार्मिक,सांस्कृतिक और भावनात्मक कारण है।
प्रकृति सांस्कृतिक कारण
सावन के महीने में चारों तरफ का वातावरण सुंदर मनमोहक हरा भरा नजर आता है। हरा रंग प्रकृति, जीवन, समृद्धि और ताजगी का प्रतीक माना जाता है। इस लिए सावन के महीने में महिलाएँ हरे रंग के कपड़े और चूड़ियाँ पहनकर प्रकृति के रंग में रंग कर हरियाली और सौंदर्य का उत्सव मनाती हैं।
सौभाग्य का प्रतीक है हरी चूडियां
हरा रंग शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना, हरा रंग सौभाग्य, संतान सुख, और सुहाग का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है हरी चूडिया पहनने से पति का की आयु लम्बी होती है। वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।साथ ही ईश्वरीय कृपा बनी रहती है।
देवी पर्वती को प्रिय है कांच की चूडी
सावन में हरी चूडिया पहनने के पीछे एक धार्मिक कारण भी है कहा जाता है कि देवी पर्वती को हरे रंग की चूडियां बहुत पसंद है। साथ ही सावन का महीना शिव और पर्वती को समर्पित होता है। और महिलाएं सावन के महीने में हरी चूड़ी पहनने से देवी पर्वती प्रसन्न होती हैं। इस लिए महिलाएं हरी चूड़ियाँ पहनकर श्रद्धा भक्ति से देवी को प्रसन्न करने का प्रयास करती है।
सजना-संवरना का महीना
सावन का महीना तीज -त्योहारों का महीना होता है। गाने -बजाने , ,झूलने -खेलने का होता है मौज मस्ती करने साथ ही सजने -संवरने का महीना होता है। इस दौरान हरी चूड़ियाँ पहनना भी इस उत्सव और स्त्री सुंदरता को बढ़ने का महीना होता है।सावन के महीने में महिलाएं हरी चूड़ी हरी साड़ी ,बिंदी लगा कर सज -संवर के अपनी सेहलियों के साथ सावन का झूला झूलने सावन का मेला देखने जाती हैं।