धर्म/अध्यात्म

सावन मास : मंदसौर का एक अकेला आनोखा प्रचीन चमत्कारी अष्टमुखी पशुपति नाथ मंदिर,सपने में शिव ने दिए थे दर्शन…

मंदसौर।सावन के पवित्र महीने का आरंभ हो गया है।हम मध्य प्रदेश के अति प्राचीन प्रसिद्ध पशुपति नाथ मंदिर के बारे में चर्चा करेंगे यह मंदिर मंदसौर के शिवना नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर की आठ मुख वाली दुर्लभ चमत्कारी प्रतिमा पहली सहस्राब्दी ईस्वी की बताई जाती है,

भगवान शिव ने धोबी को दिए थे दर्शन

कहा जाता है कि एक धोबी जिसका नाम उदाजी था। वह सिवनी नदी के तट पर रोज कपड़े धोता था। एक दिन धोबी को सपने में शिवजी दिखाई दिए। शिवजी ने धोबी से कहा कि जिस पत्थर पर तुम रोज कपड़े धोते हो वह मेरी प्रतिमा है। तब अगले दिन जब उस पत्थर की जांच की गई तो पाया गया कि वह एक पत्थर नहीं बल्कि एक शिवलिंग है।

साथ ही कहा जाता है। जब लोगों को पता चला कि यह शिव लिंग है तो उस शिवलिंग को लोग उज्जैन ले जाने लगे लेकिन जिस गाड़ी में शिवलिंग को ले जाने लगे तो बैल आगे ही नहीं बढ़ रहे थे। फिर उसी रात धोवी को फिर से सपना आया कि शिवलिंग को नदी के पास ही स्थापित कर एक मंदिर बनाया जाए। जिसके बाद नदी के किनारे मंदिर बना कर पशुपतिनाथ की प्रतिमा मंदिर में स्थापित की गई।

शिवलिंग की विशेषता

मंदसौर का यह शिवलिंग अष्टमुखी शिव लिंग है। इस शिवलिंग के आठ मुख चार दिशाओं में स्थित हैं, हर दिशा में दो-दो मुख है। यह अद्वितीय शैली भारत में और कहीं नहीं पाई जाती। कहा जाता है कि यह शिवलिंग दर्शाता है कि भगवान शिव ब्रह्मांड की हर दिशा में देख रहे हैं।

स्थापत्य कला

यह शिवलिंग लगभग गुप्तकाल या उसके बाद के समय का माना जाता है। इसकी मूर्तिकला गुप्तकालीन और मौर्यकालीन शैली की झलक देती है, जो इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है।शिवरात्रि और सावन के महीने में यह भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलता है। लोगों की आस्था है की यहां जो भी भक्त सच्चे दिल से शिव से कुछ भी मांगता है वह उसे मिलता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button