यमन में केरल की नर्स को फांसी,केंद्र सरकार ने कहा,निमिषा को बचाने की सारी कोशिशें नाकाम…

नई दिल्ली। भारत के केरल की नर्स निमिषा को यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जा रही है। निमिषा पर यमन के एक नागरिक के मर्डर का आरोप है। निमिषा का परिवार भारत में रहता है। निमिषा का परिवार उसे बचाने की हर संभव कोशिश कर रहा है। आज सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट में निमिषा प्रिया मामले की सुनवाई थी।
बताया जा रहा है। निमिषा पर जो आरोप लगाए गए हैं। वो बहुत गंभीर आरोप है। जिस वजह से फांसी की सजा रुकना नामुमकिन है। केंद्र सरकार ने निमिषा केस को लेकर कहा है कि निमिषा प्रिया को बचाने के लिए कई कोशिश की गई है। लेकिन हर कोशिश नामुमकिन नजर आ रही है।
पूरा मामला
2008 में केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली नर्स जिसका नाम निमिषा प्रिया था। वह अपने माता पिता की आर्थिक मदद करने के लिए यमन चली गई थी। जहां वह एक अस्पताल में काम करने लगी।उसके बाद वह 2011 वापस केरला आई और एक ऑटो ड्राइवर टॉमी थॉमस से शादी की जिसके वह अपने पति के साथ यमन फिर से चली गई थी।
जहां उसके पति ने भी छोटा मोटा काम शुरु कर दिया। इस बीच निमिषा ने एक बेटी को जन्म दिया। आय कम होने के कारण बेटी का पालन पोषण सही से नहीं हो पा रहा था। आर्थिक प्रोब्लम के कारण 2014 टॉमी थॉमस ने भारत आने का फैसला लिया साथ ही, निमिषा ने वही रुककर काम करने का फैसला लिया।
ताकि वह अच्छे से अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। साथ ही, निमिषा ने एक अपना यमन में क्लिनिक खोलना चाहती थी। लेकिन यमन के कानून के मुताबिक इसके लिए उन्हें किसी स्थानीय व्यक्ति के साथ पार्टनरशिप की जरुरत थी। तो निमिषा ने महदी को अपना बिजनेस पार्टनर बनाया, और क्लिनिक खोल लिया। सूत्रों के मुताबिक पता चला है निमिषा का क्लिनिक अच्छा चल रहा था। सब कुछ धीरे-धीरे ठीक हो रहा था।
लेकिन अचानक महदी निमिषा के पैसों पर हक जताने लगा।साथ ही, उसके क्लिनिक के डॉक्यूमेंट्स में हेरफेर कर अपने नाम पर क्लिनिक को कर लिया साथ ही निमिषा को अपनी पत्ना बताकर उसका पैसा लेने लगा। निमिषा का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया। जिसके कारण निमिषा यमन से कई भाग भी नहीं सकती थी। वहीं जब निमिषा ने महदी की पुलिस में शिकायत दर्ज की। लेकिन पुलिस ने उल्टा निमिषा को ही छह दिन के लिए जेल में बंद कर दिया था।
इसके बाद महदी निमिषा पर और भी बुरा बर्ताव करने लगा। ड्रग्स के नशे करके वो निमिषा का शारीरिक और मानसिक शोषण करता था। निमिषा ने सोचा की वह किसी तरह से अपना पासपोर्ट हासिल करले। इसलिए निमिषा ने महदी को बेहोश करने के लिए बेहोशी की दवा दी जिसका डोज ज्यादा हो जाने की वजह से महदी की मौत हो गई। निमिषा ने भगाने की कोशिश की लेकिन वह पकड़ी गई।