सावन मास : खरगोन का 375 साल पुराना सिद्ध नाथ महादेव मंदिर, यहां हर चौसर खेलने आते हैं शिव,पर्वती

भारत में वैसे तो कई चमत्कारी रहस्यों से भरे मंदिर हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के खरगोन में 375 साल पुराना सिद्ध नाथ महादेव मंदिर की बात ही अलग है. मान्यता है कि यहां हर रात शिव और पार्वती चौसर खेलने आते हैं। वहीं इस मंदिर के निर्माण के पीछे भी एक बहुत ही रोचक कहानी है कहा जाता है कि यह शिवलिंग एक समाधि पर बना हुआ है। यह समाधि किसी इंसान की नहीं,बल्कि एक सर्प की है।
कहा जाता है कि मल्लीवाल परिवार की एक महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था. जिसमें से एक बेटा का जन्म सर्प योनि में हुआ था। परिवार ने उसको भी अपने बेटे की तरह पाला साथ उसके नाम जमीन भी की। जो जमीन उसके नाम की गई थी।
उसी जमीन पर उस सर्प की समाधि बनाई गई। बाद में उसी समाधि पर शिवलिंग की स्थापना की गई। मल्लीवाल परिवार ने सर्प योनि में जन्में बालक का नाम सिद्दू रखा था। इसलिए इस मंदिर का नाम सिद्ध नाथ महादेव मंदिर रखा गया। कहा जाता है इस मंदिर में शिव, पार्वती चौसर रोज रात को चौसर खेलने आते हैं। रात को जब पुजारी मंदिर के पट बंद करता उसके पहले चौसर बिछाया जाता है। लेकिन सुबह पट खोलने पर चौसर पूरी तरह बिखरा हुआ मिलता है। साथ ही कहा जाता है कि यहाँ जो भी सच्चे दिल से मांगो वह मिलता है।