
नई दिल्ली। खाटू श्याम का नाम तो सुना ही होगा। कहा जाता है कि हरे का सहारा खाटू श्याम, मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से कोई भी मुराद लेकर खाटू श्याम आता है तो खाटू श्याम उसकी झोली जरूर भरते हैं।कहा जाता है खाटू श्याम के दरबार में बाबा के भक्त खाली हाथ जाते तो है लेकिन वहाँ से कोई भी भक्त कभी खाली हाथ नहीं आते।
वैसे तो खाटू श्याम के कई भक्त है लेकिन खाटूश्याम के अनोखे भक्त केशव की तो बात ही अलग है। केशव ने अपनी अद्भुत भक्ति से सबका मन मोह कर ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया है. जी हां, केशव 12 लोहे की जंजीरों में बंधकर बाबा श्याम के दरबार में पहुंचे।
इस तरह जंजीरों में बंधकर बाबा के दरबार में जाने के पीछे केशव की कोई खुद की कोई पर्सनल मन्नत नहीं थी। बल्कि पूरे देश के लिए केशव का एक संदेश था कि ‘भारत में मांसाहार पूरी तरह बंद हो’ साथ ही बताया जा रहा है कि केशव ने मोदी सरकार से भी अपील की है कि देश में मांसाहार पर रोक लगाई जाए.
सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि केशव 12 साल से लगातार बाबा के दरबार आ रहे हैं। उसके माता – पिता ने अलग हो गए और उन्होंने दूसरी शादियां कर ली। और केशव को अनाथ अकेला छोड़ दिया। जिस वजह से केशव अकेले हो गए। फिर केशव को बाबा श्याम का सहारा मिला।
जिसके बाद उसने बाबा का हाथ पकड़ लिया। जब केशव 9 साल की उम्र का था जब पहली बार वो खाटू श्याम आए थें। वो नैनीताल के पास एक छोटे से गांव में रहते हैं। और एक बोतल बनाने वाली कंपनी में काम करते हैं। जब भी उसका मन होता है वह खाटू श्याम में बाबा के दर्शन के लिए पहुंच जाते हैं।