धर्म/अध्यात्म

गणेश चतुर्थी की पूरे देश में धूम,बप्पा के स्वागत की जोर—शोर से तैयारी

गणेश चतुर्थी एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है।

भोपाल। गणेश चतुर्थी को लेकर पूरे देश में एक बार फिर उत्साह देखने मिल रहा है। हर ओर बप्पा की मूर्तियां स्थापना के लिए ले जाई जाए रही हैंं। महाराष्ट में इसका अलग ही क्रेज देखने मिलता है। बाल गंगाधर राव तिलक ने जिस उदृदेश्य की पूर्ति के लिए गणेश उत्सव का प्रारंभ किया था वह प्रतिवर्ष गजानन के आशीर्वाद से फलीभूत होते दिखाई देता है।

गणेश चतुर्थी एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, क्योंकि भगवान गणेश को बुद्धि, ज्ञान और सुख का देवता माना जाता है। इस दिन, भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं।

गणेश चतुर्थी की परंपराएं

गणेश चतुर्थी की परंपराएं बहुत ही रंगीन और आकर्षक होती हैं। इस दिन, लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। मूर्ति को सजाने के लिए विभिन्न प्रकार के फूल, फल और अन्य सामग्री का उपयोग किया जाता है।

गणेश चतुर्थी के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठान

गणेश चतुर्थी के दौरान, भक्त विभिन्न अनुष्ठान करते हैं, जैसे-

  • गणेश जी की मूर्ति स्थापित करना
  • गणेश जी की पूजा करना
  • आरती और हवन करना
  • दान और पुण्य करना
  • गणेश जी के मंत्रों का जाप करना

गणेश चतुर्थी का समापन

गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है, जब गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। इस दिन, भक्त गणेश जी की मूर्ति को नदी या समुद्र में विसर्जित करते हैं और उनकी विदाई के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं।

गणेश चतुर्थी एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जो भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं।

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