धर्म/अध्यात्म
ॐ श्री कृष्णप्रिये राधायै नमः, राधा अष्टमी आज, जानिए इस व्रत का महत्व

भोपाल। राधा अष्टमी का पर्व आज, 31 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है। यह पर्व श्रीकृष्ण की परम आराध्या और भक्ति की प्रतीक श्री राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
राधा अष्टमी का महत्व
राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और प्रेम का संचार होता है। इसके अलावा श्रीकृष्ण की कृपा भी जीवन पर बनी रहती है। इस दिन राधा जी की पूजा षोडशोपचार विधि से करनी चाहिए। पुष्प, रोली, अक्षत, चंदन, इत्र, फल, खीर आदि अर्पित करने से विशेष लाभ होता है।
पूजा विधि
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को स्वच्छ कर मंडप तैयार करें और उसमें तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें।
- मध्यान्ह पूजा मुहूर्त: सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक (कुल 2 घंटे 33 मिनट)।
- राधा जी की आरती करें और ‘राधे-राधे’ नाम जपें।
राधा अष्टमी के नियम
- तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- बड़े बुजुर्गों का अपमान न करें।
- किसी के प्रति गलत विचार धारण न करें।
- घर को गंदा न रखें।
- व्रत के दिन दिन में न सोएं
राधा अष्टमी मंत्र
- ॐ श्री कृष्णप्रिये राधायै नमः
- राधे राधे जपते रहो, कृष्ण मिले स्वतः
- ॐ वृषभानुज्यै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात