ऋषि पंचमी का व्रत क्यों रखा जाता है ? जानें, तिथि,मुहूर्त और महत्व…

भोपाल।हर साल रखा जाने वाला ऋषि पंचमी का व्रत भाद्रपद शुक्ल पंचमी की तिथि को रखा जाता है.माना जाता है कि ऋषि पंचमी का व्रत मासिक धर्म के दौरान महिलाओं से जाने-अनजाने में होने वाली गलतियां और पापों से मुक्ति देन वाला व्रत माना जाता है। जो भी महिला इस व्रत को पूरे विधि विधान से रखती है तो मासिक धर्म के दौरान होने वाले पापों से उसे छुटकारा मिलता है। चालिए जानते है इस साल 2025 में कब है ऋषि पंचमी का व्रत की तिथि और मुहूर्त
ऋषि पंचमी का व्रत की तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस बार 28 अगस्त को ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाएगा साथ ही ऋषि पंचमी 27 अगस्त से दोपहर 3.44 पर शुरु होगी जो दूसरे दिन 28 अगस्त को 5.56 तक रहेगी।
ऋषि पंचमी का महत्व क्या है
ऋषि पंचमी के व्रत का एक महत्व है कहा जाता है जो भी महिला इस व्रत को रखती है उसे सप्तऋषियों का आर्शीर्वाद मिलता है। साथ ही मासिक धर्म जाने -अनजाने में होने वाला पाप या गलती से लगने वाली रजस्वला दोष से छुटकारा मिलता है।इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व माना जाता है।
पूजा की विधि
ऋषि पंचमी पर सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें
घर और मंदिर की अच्छे से सफाई करें
घर के मंदिर में एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर सप्तऋषि की तस्वीर रखते हैं।
चौकी के पास एक जल से भरा कलश रखें।
और सबसे पहले सप्तऋषियों को अर्ध्य दें।
अर्ध्य देने के बाद घी का दीपक जलाए।
उसके बाद चंदन लगाकर फूल और फल चढाए।
पंचामृत चढाए और ऋषि पंचमी की कथा सुनें और अपनी गलती की क्षमा मांगे और आरती करें