जम्मू-कश्मीर के रियासी और रामबन में भूस्खलन और बादल फटने से 11 लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर। रियासी ज़िले में शनिवार तड़के सात लोगों के एक परिवार पर भूस्खलन के कारण मकान ढहने से त्रासदी आ गई, जिससे पूरा परिवार मलबे में दब गया।
रियासी के माहौर के उप-मंडल पुलिस अधिकारी वकार यूनुस ने बताया कि परिवार के सभी सात सदस्य तीन-चार घंटे तक मलबे में दबे रहे, उसके बाद शनिवार सुबह उनके शव मलबे से निकाले गए। यूनुस के अनुसार, भूस्खलन बादल फटने के कारण हुआ था। यह दुखद घटना शनिवार तड़के लगभग 3 बजे हुई। जिन सात लोगों की मौत हुई है, उनमें पाँच बच्चे हैं जिनकी उम्र 12, 10, 8, 6 और 4 साल है।
घटनास्थल से प्राप्त दुखद दृश्यों में ग्रामीण न केवल मलबे में बल्कि कीचड़ में दबे परिवार के शवों को भी निकाल रहे हैं। देर रात भूस्खलन और बादल फटने के कारण जिस घर में परिवार रह रहा था, वह ढह गया। ग्रामीणों को इसकी जानकारी सुबह ही हुई और वे मौके पर पहुँचे।
रामबन में बादल फटने से 4 लोगों की मौत
राज्य के एक अन्य हिस्से में, शनिवार को रामबन जिले के राजगढ़ इलाके में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई और एक लापता है। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, शनिवार रात लगभग 12:30 बजे इस क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई।
एएनआई ने रामबन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अरुण गुप्ता के हवाले से कहा, “चार शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि एक अन्य लापता है। हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अचानक बादल फटने से नटना इलाके में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे एक घर और एक स्कूल को नुकसान पहुँचा और इलाके में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।”
ये दोनों घटनाएँ हाल ही में मानसून के दौरान जम्मू-कश्मीर में हुई कई ऐसी त्रासदियों की श्रृंखला में नवीनतम हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 14 से 26 अगस्त तक राज्य के किश्तवाड़, कठुआ और रियासी जिलों में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण कम से कम 138 लोगों की मौत हो गई।



