MP: सूतक काल प्रारंभ होते ही बंद हुए प्रसिद्ध मंदिरों के पट, बाहर से ही किए दर्शन

भोपाल। आज रविवार चन्द्र ग्रहण (Lunar Eclips) के कारण मंदिरों में सांध्य आरती नहीं की गई। मंदिरों के पट दोपहर 12.56 से सूतक लगने के बाद ही बंद कर दिये गए। प्राचीन हनुमान मंदिर के गेट पर लगे घंटों को बांधा गया श्रद्धालु बहार से ही दर्शन करते नजर आए। शहर के अलग—अलग मंदिरों में यह नजारा देखने मिला।
चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों में पूजा-अर्चना नहीं हो पाई। ग्रहण के सूतक काल के कारण मंदिरों के कपाट बंद करने की परंपरा है, जो ग्रहण समाप्त होने और शुद्धिकरण के बाद ही खोले जाते हैं। भोपाल शहर के सभी मंदिरों में यह देखने मिला। भोपाल के अलावा उज्जैन के महाकाल, ओंकारेश्वर मंदिर, देवास की टेकरी स्थित मां तुलजा भवानी और मां चामुंडा रानी मंदिर, और रायपुर के विभिन्न मंदिरों में भी पट बंद कर दिए गए।
सुबह से भगवान श्री ओंकारेश्वर महादेव के दर्शन हो रहे हैं, लेकिन गर्भगृह में जल चढ़ाने और अन्य पूजन सामग्री ले जाना प्रतिबंधित कर दिया गया। रायपुर के सर्वमांगला मंदिर, सप्तदेव मंदिर, श्याम मंदिर, कॉपीलेश्वर मंदिर और कुशालपुर का दंतेश्वरी मंदिर शामिल हैं। नलखेड़ा का बगलामुखी मंदिर के पट बंद हैं और हवन-पूजन भी स्थगित कर दिया गया।
ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और शुद्धिकरण किया जाएगा, जिसके बाद ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पुनः आरंभ होंगे।