धर्म/अध्यात्म

पितृपक्ष 2025 : अगर किसी कारणवश नही जा पा रहे गयाजी तो यहां करे पितरों का तर्पण…

भोपाल। आज पितृपक्ष का दूसरा दिन है। पितृपक्ष में पितरों का तर्पण किया जाता है। पितृ पक्ष के दौरान गयाजी पितरों का श्राद्ध करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पर अगर किसी कारण वश आप पितरों का तर्पण करने के लिए गयाजी नहीं जा पा रहे हैं। तो आप घर पर ही अपने पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं।वही आप भी कई जगह हैं जहां आप अपने पितरो का पिंडदान कर सकते हैं।
चालिए जानते हैं गयाजी की जगह और कहा-कहा कर सकते हैं पितरो का तर्पण
दक्षिण दिशा
अगर आप पितृ पक्ष में अपने पितरों का तर्पण करना चाहते हैं लेकिन किसी कारण से आप अपने पितरों का तर्पण करने में गयाजी नहीं जा पा रहे हैं तो किसी अच्छे पंडित से आप अपने पितरों का श्राद्ध घर पर ही दक्षिण दिशा में कर सकते हैं।

नदी के तट पर
पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करने के लिए गयाजी जाया जाता हैं। अगर आप गयाजी जा सकते हैं तो बहुत ही अच्छा है लेकिन अगर नहीं जा पा रहे हैं तो, आप जहां रहते हैं वहां जो भी नदी है उस नदी के तट पर जा कर किसी अच्छे पंडित की मौजूदगी में आप अपने पूर्वजों का तर्पण कर सकते हैं।

बद्रीनाथ में श्राद्ध
बद्रीनाथ पवित्र जगहों में से एक है। पितृ पक्ष में यहां भी पितरों का तर्पण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह विष्णु भगवान का धाम माना जाता है।

रामेश्वरम में श्राद्ध
रामेश्वरम में भी पितरों का तर्पण करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। रामेश्वरम में मान्यता है कि समुद्र में स्नान करके श्राद्ध करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है।

हरिद्वार में श्राद्ध
हरिद्वार में गंगा के किनारे पूर्वजों की श्राद्ध करने का अपना ही एक अलग महत्व है। गयाजी अगर नहीं जा पा रहे हैं तो, हरिद्वार में भी आज अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर सकते हैं कहा जाता है यहां श्राद्ध करने से सीधा स्वर्ग मिलता है।

काशी में श्राद्ध
काशी शिव का पवित्र धाम है। यहां श्राद्ध करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। तो आप यहां भी पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं।

प्रयागराज में श्राद्ध

प्रयागराज में त्रिवेणी संगम है यहां श्राद्ध करने का बहुत महत्व है। कई लोग यहां अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने आते हैं।

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