धर्म/अध्यात्म

बरदहा घाटी में आस्था का केंद्र है प्रसिद्ध हनुमान मंदिर

सिरमौर। वनों से आच्छादित, मनोरम बृहंगम बरदहा घाटी में प्राचीन प्रसिद्ध हनुमान जी का मंदिर है ।कलयुग के महाराजा महाबली हनुमान जी के दर्शन एवम मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धालुओ का तांता लगा रहता है । भगवान की ऐसी कृपा है की जो इनकी चौखट में आता है खाली हाथ लौटकर नहीं जाता ।
मंदिर के प्रधान पुजारी श्री कृष्ण अग्निहोत्री ने बताया यह मंदिर सिरमौर से डभौरा रोड में 5 किलोमीटर की दूरी पर बरदहा घाटी में प्राचीन प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है । इसकी महिमा अपार है तथा यहा की कई मान्यताएं है । मंदिर में वैसे तो हमेशा भक्तो का आना जाना लगा रहता है लेकिन मंगलवार को विशेष रूप से आस्था रखने वाले भक्त आते है । सदियों से यहां जो भी लोग अपनी मन्नत भगवान से श्रद्धा भाव से करते है उन सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है ।

वानरों को श्रद्धा भाव से खिलाते है भक्त

वरदहा घाटी में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में प्रत्येक मंगलवार को दूर-दूर से आने वाले वक्त अपनी मनोकामनाओं पूर्ति को लेकर महाबली हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने के साथ पूजा अर्चना कर नारियल चढ़ाते है साथ ही हनुमान जी की सेना स्वरूप वानरों को चना ,मूंगफली, फल फूल सहित भोजन खिलाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ।
मंदिर के प्रधान पुजारी श्रीकृष्ण अग्निहोत्री ने बताया कि सदियों से ऐसी मान्यता है कि जो भी वानरों को श्रद्धा भाव से भोजन अर्पित करते हैं उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं ।

12 माह भक्त करते है भंडारा

आस्था के केंद्र मंदिर में जो भी भक्त आते है खाली हाथ वापस नही जाते । लेकिन यहां हमेशा भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर श्रद्धा भाव से भंडारे का आयोजन करते है ।
प्रधान पुजारी श्रीकृष्ण अग्निहोत्री ने बताया कि मंदिर में 12 माह भक्ति भाव से भक्तो के द्वारा अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर भंडारे का आयोजन किया जाता है ।

व्यवस्था की दरकार, बिजली पानी का अभाव

प्राचीन मंदिर में जहा प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओ का आना जाना लगा रहता है साथ ही सिरमौर से जवा, डभौरा की ओर जाने वाली बसे या अन्य वाहन दिन रात गुजरते है ,सभी प्रसाद चढ़ाते है ।लेकिन परिसर में अभी तक बिजली एवम पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है । प्रधान पुजारी श्रीकृष्ण अग्निहोत्री ने बताया कि यदि यहां पर पीने पानी के लिए एक हैंडपंप एक भक्त के द्वारा करवाया गया था ,जो पर्याप्त नही है । सायं के वाद प्रकाश की व्यवस्था न होने से भक्तो को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि बिजली की व्यवस्था किसी प्रकार से हो जाय तो भक्तो को असुविधा का सामना नही करना पड़ेगा ।

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